मणिपूर चक्र (Manipura Chakra) को सक्रिय करने की सम्पूर्ण जानकारी
मणिपूर चक्र हमारे शरीर का तीसरा चक्र होता है, जिसे नाभि चक्र (Navel Chakra) या सौर जाल चक्र (Solar Plexus Chakra) भी कहा जाता है। यह चक्र आत्म-शक्ति, आत्म-सम्मान, आत्म-नियंत्रण और इच्छाशक्ति से संबंधित होता है।
🌟 1. मणिपूर चक्र की मूल जानकारी:
विशेषता - विवरण
संस्कृत नाम - मणिपूर (Manipura)
अर्थ - "मणियों का नगर" या "रत्नों का नगर"
स्थिति - नाभि के ठीक ऊपर (पेट के मध्य भाग में)
तत्व (Element) - अग्नि (Fire)
रंग - पीला (Yellow)
बीज मंत्र - "राम्" (RAM)
अंग - जठराग्नि, पाचन तंत्र, यकृत, पित्ताशय
🔥 2. मणिपूर चक्र सक्रिय होने के लाभ:
आत्म-विश्वास में वृद्धि
निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है
आत्म-नियंत्रण और इच्छाशक्ति मजबूत होती है
पाचन तंत्र में सुधार
ऊर्जा और प्रेरणा में वृद्धि
🧘♂️ 3. मणिपूर चक्र को सक्रिय करने के तरीके:
1. बीज मंत्र जप (Beej Mantra Chanting):
रोज़ सुबह "ॐ राम्" (Om Ram) का 108 बार जप करें।
आंखें बंद करके नाभि के क्षेत्र में ध्यान लगाकर इस मंत्र का उच्चारण करें।
2. प्राणायाम:
कपालभाति प्राणायाम: यह पाचन अग्नि को प्रज्वलित करता है और नाभि क्षेत्र को सक्रिय करता है।
भस्त्रिका प्राणायाम: यह अग्नि तत्व को जगाता है और मणिपूर चक्र को संतुलित करता है।
3. सूर्य नमस्कार (Surya Namaskar):
सूर्य नमस्कार की प्रतिदिन 5–12 राउंड करें। इससे शरीर में अग्नि तत्व बढ़ता है और मणिपूर चक्र सक्रिय होता है।
4. योग आसन:
आसन - लाभ
नौकासन (Boat Pose) - नाभि क्षेत्र में रक्त प्रवाह बढ़ाता है
धनुरासन (Bow Pose) -पेट की मांसपेशियों को सक्रिय करताहै
मयूरासन (Peacock Pose) - पाचन तंत्र को मजबूत करता है
पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend) - आत्मनिरीक्षण और आंतरिक शक्ति बढ़ाता है
5. ध्यान (Meditation):
नाभि पर ध्यान केंद्रित करके "पीले रंग की अग्नि" की कल्पना करें जो धीरे-धीरे फैल रही है।
इसे प्रतिदिन 10–20 मिनट करें।
6. मणिपूर चक्र से जुड़े मंत्र:
"मैं आत्म-शक्ति से परिपूर्ण हूँ।"
"मेरे अंदर अपार शक्ति और आत्म-नियंत्रण है।"
"मैं अपने निर्णयों में दृढ़ हूँ।"
7. क्रिस्टल और रत्न:
टाइगर आई (Tiger Eye)
सिट्रीन (Citrine)
इन रत्नों को पहनने या ध्यान में प्रयोग करने से मणिपूर चक्र में संतुलन आता है।
8. संतुलित आहार:
पीले रंग के खाद्य पदार्थ जैसे नींबू, केला, पीली दाल, हल्दी आदि का सेवन करें।
गरिष्ठ भोजन से बचें, जो पाचन में बाधा डालते हैं।
⚠️ सावधानियाँ:
जल्दबाज़ी में चक्र जागरण ना करें, यह एक क्रमिक प्रक्रिया है।
योग्य योग गुरु या मार्गदर्शक की देखरेख में प्रैक्टिस करें।
चक्र जागरण के साथ मानसिक और भावनात्मक संतुलन भी आवश्यक है।
7-दिन का दैनिक साधना कार्यक्रम दिया गया है, जो विशेष रूप से मणिपूर चक्र (Manipura Chakra) को सक्रिय और संतुलित करने के लिए तैयार किया गया है। इसे आप अपनी दिनचर्या में शामिल करें:
7-दिन का मणिपूर चक्र जागरण साधना कार्यक्रम
🕕 सुबह की दिनचर्या (सुबह 5:30 – 7:00 बजे के बीच)
🚩 दिन 1–3: आधार निर्माण (Foundation Phase)
1. स्नान से पहले (5:30 AM)
एक गिलास गुनगुना पानी + नींबू
5 मिनट मौन में बैठें, नाभि पर ध्यान केंद्रित करें
2. प्राणायाम (15 मिनट)
कपालभाति – 3 राउंड (हर राउंड में 30 श्वास)
भस्त्रिका – 3 राउंड (हर राउंड में 10 गहरी श्वास)
अनुलोम-विलोम – 5 मिनट (मन को शांत करने हेतु)
3. योग आसन (15–20 मिनट)
> (हर आसन को 3 बार करें, 30 सेकंड होल्ड करें)
नौकासन (Boat Pose)
पश्चिमोत्तानासन (Seated Forward Bend)
धनुरासन (Bow Pose)
4. बीज मंत्र जप और ध्यान (10–15 मिनट)
"ॐ राम्" का 108 बार जप (जप माला से करें)
पीले रंग की जलती हुई अग्नि की नाभि पर कल्पना करें
5. संकल्प / Affirmations (5 मिनट)
> ज़ोर से बोलें या मन में दोहराएं:
"मैं आत्म-शक्ति से भरा हूँ"
"मेरे अंदर निर्णय लेने की पूरी क्षमता है"
🚩 दिन 4–5: ऊर्जा विस्तार (Expansion Phase)
1. उपरोक्त प्राणायाम और योग + इसमें जोड़ें: सूर्य नमस्कार – 5 राउंड
2. ध्यान को और गहरा करें: कल्पना करें कि नाभि से प्रकाश निकलकर पूरे शरीर में फैल रहा है
3. क्रिस्टल प्रयोग (यदि संभव हो): मणिपूर चक्र से संबंधित Citrine या Tiger Eye क्रिस्टल को दाहिने हाथ में पकड़कर ध्यान करें
🚩 दिन 6–7: स्थिरता और एकाग्रता (Stability Phase)
1. सभी अभ्यास पूर्ववत करें
2. ध्यान का समय बढ़ाकर 20 मिनट करें
3. आंतरिक विचारों पर निगरानी रखें – क्या आत्म-विश्वास बढ़ रहा है?
4. रात को सोने से पहले:
5 मिनट "ॐ राम्" का जप करें
पीली लौ (yellow flame) की कल्पना करते हुए सो जाएँ
🥗 भोजन से संबंधित सुझाव:
खाना. - . क्यों ज़रूरी है
पीली दाल, हल्दी, नींबू पानी . - .अग्नि तत्व को बढ़ाता है
अधिक पानी पिएँ. - . पाचन को मजबूत करता है
अधिक मीठा, तला-भुना, प्रोसेस्ड फूड कम करें --चक्र में रुकावटें पैदा करते हैं
📿 सप्ताह बाद आप अनुभव कर सकते हैं:
आत्मविश्वास में वृद्धि
निर्णय लेने में स्पष्टता
पेट और पाचन संबंधी समस्याओं में सुधार
अंदर से शक्ति और ऊर्जा महसूस होना

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