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13 February ko konsa divas hai

13 फरवरी को कौन-सा दिवस मनाया जाता है? 
13 फरवरी का दिन भारत और विश्व दोनों के लिए विशेष महत्व रखता है। यह तिथि कई महत्वपूर्ण दिवसों के रूप में मनाई जाती है, जिनमें से प्रमुख हैं: विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day) और सर्व शिक्षा अभियान दिवस (National Women's Day - सरोजिनी नायडू जयंती)। ये दिवस न केवल ऐतिहासिक घटनाओं की याद दिलाते हैं, बल्कि समाज को एक सकारात्मक दिशा में प्रेरित भी करते हैं।
1. विश्व रेडियो दिवस (World Radio Day)
पृष्ठभूमि:
विश्व रेडियो दिवस हर साल 13 फरवरी को मनाया जाता है। यह दिन संयुक्त राष्ट्र शैक्षिक, वैज्ञानिक और सांस्कृतिक संगठन (UNESCO) द्वारा 2011 में घोषित किया गया था और इसे संयुक्त राष्ट्र महासभा द्वारा भी मान्यता दी गई। इस दिन की तिथि का चयन इसलिए किया गया क्योंकि 13 फरवरी 1946 को संयुक्त राष्ट्र रेडियो कि शुरुआत हुई थी।

उद्देश्य:
इस दिवस का मुख्य उद्देश्य रेडियो के महत्व को पहचानना और उसे जनसंचार के सशक्त माध्यम के रूप में बढ़ावा देना है। रेडियो एक ऐसा माध्यम है जो शिक्षा, सूचना और मनोरंजन के साथ-साथ सामाजिक चेतना फैलाने में भी सहायक होता है।

विषय-वस्तु:
हर साल इस दिवस की एक अलग थीम होती है। जैसे कि कभी इसका विषय "रेडियो और विविधता" होता है, तो कभी "रेडियो और शांति"। रेडियो न केवल शहरों में बल्कि दूरदराज के गाँवों तक अपनी पहुँच रखता है, और यही इसकी सबसे बड़ी शक्ति है।

रेडियो की भूमिका:
रेडियो ने कई राष्ट्रीय आंदोलनों, आपातकालीन परिस्थितियों, युद्धों और शिक्षा के क्षेत्र में एक अमूल्य भूमिका निभाई है। यह माध्यम विशेषकर उन लोगों तक भी पहुँचता है जहाँ न इंटरनेट है न टीवी। रेडियो पर प्रसारित स्वास्थ्य जागरूकता कार्यक्रम, कृषि संबंधी जानकारी, मनोरंजन, लोकसंगीत, और शैक्षिक कार्यक्रम आज भी लाखों लोगों की जिंदगी का हिस्सा हैं।

2. राष्ट्रीय महिला दिवस (National Women's Day - सरोजिनी नायडू जयंती)
पृष्ठभूमि:
भारत में 13 फरवरी को राष्ट्रीय महिला दिवस के रूप में भी मनाया जाता है। यह दिवस स्वतंत्रता सेनानी, कवयित्री और देश की पहली महिला राज्यपाल सरोजिनी नायडू की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। वे 13 फरवरी 1879 को जन्मी थीं।

सरोजिनी नायडू का योगदान:
सरोजिनी नायडू को "भारत कोकिला" कहा जाता है। उन्होंने स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई और महिलाओं को अधिकार दिलाने के लिए आवाज उठाई। उनकी कविताएँ देशभक्ति और प्रेम से ओत-प्रोत होती थीं। वे भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की पहली महिला अध्यक्ष थीं और बाद में उत्तर प्रदेश की पहली महिला राज्यपाल बनीं।

महिला सशक्तिकरण में योगदान:
सरोजिनी नायडू ने भारतीय महिलाओं के अधिकारों के लिए संघर्ष किया और उनकी शिक्षा, मताधिकार तथा समानता की वकालत की। आज भी उनके विचार और कार्य महिलाओं को सशक्त बनने की प्रेरणा देते हैं।

राष्ट्रीय महिला दिवस का महत्व:
यह दिन हमें याद दिलाता है कि महिलाओं को भी समाज में बराबरी का स्थान मिलना चाहिए। इस दिन पर विभिन्न संस्थानों, स्कूलों और कॉलेजों में महिला सशक्तिकरण पर कार्यक्रम, सेमिनार और प्रतियोगिताएँ आयोजित की जाती हैं।

13 फरवरी की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता:
शिक्षा और संचार का संगम: जहाँ एक ओर रेडियो एक महत्वपूर्ण संचार माध्यम है, वहीं दूसरी ओर सरोजिनी नायडू का जीवन शिक्षा और सामाजिक न्याय का प्रतीक है।

समाज को जागरूक करने का अवसर: 

इस दिन के माध्यम से लोग समाज के विभिन्न मुद्दों पर चर्चा करते हैं और जागरूकता फैलाते हैं।

युवा पीढ़ी को प्रेरणा: सरोजिनी नायडू जैसी महान विभूतियों के जीवन से प्रेरणा लेकर युवा पीढ़ी आगे बढ़ सकती है।

निष्कर्ष:

13 फरवरी का दिन एक महत्वपूर्ण तिथि है जो हमें सूचना के महत्व और नारी शक्ति के योगदान की याद दिलाती है। विश्व रेडियो दिवस हमें बताता है कि कैसे रेडियो आज भी एक प्रभावशाली माध्यम बना हुआ है, जबकि राष्ट्रीय महिला दिवस हमें सरोजिनी नायडू के संघर्ष और उनके आदर्शों की याद दिलाता है। इन दोनों अवसरों को मनाकर हम समाज को अधिक जागरूक, सशक्त और समानता की दिशा में आगे ले जा सकते हैं। इस दिन को मनाना केवल एक परंपरा नहीं, बल्कि एक जिम्मेदारी भी है — एक ऐसे भविष्य की ओर जो शिक्षित, जागरूक और समावेशी हो।

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