24 फरवरी का दिन भारत के लिए एक विशेष महत्व रखता है क्योंकि इस दिन केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force - CRPF) का स्थापना दिवस मनाया जाता है। यह दिन देश की सुरक्षा और आंतरिक शांति बनाए रखने के लिए CRPF के योगदान को याद करने और उन्हें सम्मान देने का दिन होता है।
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल (CRPF) की स्थापना
केंद्रीय रिज़र्व पुलिस बल की स्थापना 27 जुलाई 1939 को "क्राउन रिप्रेजेंटेटिव्स पुलिस" (Crown Representative’s Police) के नाम से की गई थी। लेकिन 24 फरवरी 1949 को भारत सरकार ने इसे एक नए नाम "Central Reserve Police Force" के रूप में पुनर्गठित किया और एक अधिनियम के माध्यम से इसे कानूनी दर्जा दिया गया। यही कारण है कि 24 फरवरी को आधिकारिक रूप से CRPF स्थापना दिवस के रूप में मनाया जाता है।
CRPF का उद्देश्य और कार्य
CRPF भारत सरकार के गृह मंत्रालय के अंतर्गत कार्य करता है। इसका मुख्य उद्देश्य देश के अंदरुनी हिस्सों में शांति और कानून-व्यवस्था बनाए रखना है। इसके अलावा, इस बल का उपयोग निम्नलिखित प्रमुख कार्यों के लिए किया जाता है:
आंतरिक सुरक्षा बनाए रखना
नक्सलवाद और उग्रवाद के खिलाफ अभियान चलाना
चुनावों के दौरान शांति व्यवस्था सुनिश्चित करना
दंगों और हिंसक प्रदर्शनों को नियंत्रित करना
प्राकृतिक आपदाओं में राहत कार्यों में सहयोग देना
VIP सुरक्षा और संवेदनशील स्थानों की सुरक्षा
स्थापना दिवस का आयोजन
हर साल 24 फरवरी को CRPF स्थापना दिवस पूरे देश में बड़े उत्साह और गर्व के साथ मनाया जाता है। इस दिन को मनाने के लिए निम्नलिखित गतिविधियाँ आयोजित की जाती हैं:
परेड और मार्च पास्ट: CRPF के जवान अपनी परेड और अनुशासन का प्रदर्शन करते हैं।
सम्मान समारोह: विशिष्ट सेवा के लिए CRPF जवानों को पदक और सम्मान से नवाजा जाता है।
मुख्य अतिथियों का संबोधन: गृह मंत्री या किसी अन्य उच्च अधिकारी द्वारा CRPF के योगदान पर प्रकाश डाला जाता है।
सांस्कृतिक कार्यक्रम: बल के जवानों द्वारा गीत, नृत्य और नाटक प्रस्तुत किए जाते हैं।
शहीदों को श्रद्धांजलि: देश के लिए शहीद हुए जवानों को श्रद्धांजलि अर्पित की जाती है।
CRPF की संरचना और विशेष इकाइयाँ
CRPF भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है। इसमें हजारों जवान और अधिकारी कार्यरत हैं। इसकी कुछ विशेष इकाइयाँ हैं:
कोबरा कमांडो (COBRA): नक्सल विरोधी अभियानों के लिए विशेष इकाई।
रैपिड एक्शन फोर्स (RAF): दंगे और भीड़ नियंत्रण के लिए तैनात की जाती है।
महिला बटालियन: महिलाओं की सुरक्षा और महिलाओं से जुड़े मुद्दों के लिए प्रशिक्षित इकाई।
ऐतिहासिक योगदान
CRPF ने कई मौकों पर देश की रक्षा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है, जैसे:
1965 और 1971 के भारत-पाक युद्ध में सीमाओं पर सुरक्षा में योगदान।
कश्मीर और पूर्वोत्तर भारत में आतंकवाद विरोधी अभियानों में सक्रिय भूमिका।
बिहार, झारखंड, छत्तीसगढ़ आदि राज्यों में नक्सली विरोधी ऑपरेशन।
आंध्र प्रदेश और ओडिशा में बाढ़ राहत कार्यों में भागीदारी।
जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटाने के बाद कानून व्यवस्था बनाए रखने में CRPF की भूमिका।
सामाजिक योगदान
CRPF केवल सुरक्षा बल नहीं है, बल्कि सामाजिक कार्यों में भी अपनी भागीदारी निभाता है। इसमें शामिल हैं:
स्वास्थ्य शिविर
स्कूलों और गांवों में जागरूकता कार्यक्रम
आपदा राहत
स्वच्छ भारत अभियान में भागीदारी
निष्कर्ष
24 फरवरी केवल एक तारीख नहीं है, बल्कि यह उस बल की याद दिलाती है जो निस्वार्थ सेवा और बलिदान की भावना से भारत की आंतरिक सुरक्षा की रीढ़ बना हुआ है। CRPF के जवान कठिन से कठिन परिस्थितियों में भी अपने कर्तव्यों का पालन करते हैं और देशवासियों की रक्षा करते हैं।
इस दिन हमें न केवल CRPF के योगदान को याद करना चाहिए, बल्कि हमें यह भी संकल्प लेना चाहिए कि हम उनके बलिदानों का सम्मान करें और देश की एकता और अखंडता बनाए रखने में अपना योगदान दें।
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