12 मार्च भारत के इतिहास में एक महत्वपूर्ण दिन है, जिसे विभिन्न दृष्टिकोणों से देखा जा सकता है – ऐतिहासिक, सामाजिक और सांस्कृतिक। यह दिन खासतौर पर 'दांडी मार्च दिवस' (Dandi March Day) के रूप में मनाया जाता है, जो भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के एक अत्यंत महत्वपूर्ण आंदोलन की याद दिलाता है। इसके अलावा, कुछ अन्य वैश्विक और सामाजिक पहलुओं से भी यह दिन महत्वपूर्ण है। इस लेख में हम विस्तार से जानेंगे कि 12 मार्च को कौन-सा दिवस मनाया जाता है और उसका ऐतिहासिक, सामाजिक एवं समसामयिक महत्व क्या है।
1. दांडी मार्च दिवस (Dandi March Day)
12 मार्च को सबसे प्रमुख रूप से दांडी मार्च दिवस के रूप में याद किया जाता है। यह दिन 1930 में महात्मा गांधी द्वारा शुरू किए गए नमक सत्याग्रह की शुरुआत का प्रतीक है।
दांडी मार्च का इतिहास:
12 मार्च 1930 को महात्मा गांधी ने अहमदाबाद के साबरमती आश्रम से गुजरात के दांडी गांव तक पैदल मार्च की शुरुआत की थी।
इस यात्रा में गांधीजी के साथ 78 सत्याग्रही थे।
यह मार्च कुल 240 मील (लगभग 385 किलोमीटर) की थी और इसे तय करने में 24 दिन लगे।
गांधीजी ने 6 अप्रैल को दांडी पहुंचकर नमक कानून तोड़ा और समुद्र के किनारे से नमक बनाकर ब्रिटिश शासन को सीधी चुनौती दी।
महत्व:
दांडी यात्रा ब्रिटिश राज के विरुद्ध सविनय अवज्ञा आंदोलन की शुरुआत थी।
इसने पूरे भारत में आजादी की भावना को प्रज्वलित किया।
यह आंदोलन पूर्णतः अहिंसक था और इसमें जनता की बड़ी भागीदारी देखी गई।
नमक जैसे एक सामान्य उत्पाद पर कर लगाने के विरोध में यह आंदोलन आम जनता से जुड़ गया।
आज भी 12 मार्च को स्कूल, कॉलेज और सामाजिक संगठनों द्वारा विविध कार्यक्रमों के माध्यम से दांडी मार्च और महात्मा गांधी के विचारों को याद किया जाता है।
2. विश्व गुर्दा दिवस :(World Kidney Day)
हालांकि यह हर वर्ष 12 मार्च को नहीं आता, लेकिन मार्च के दूसरे गुरुवार को विश्व गुर्दा दिवस (World Kidney Day) मनाया जाता है। अगर 12 मार्च को गुरुवार हो, तो यह दिन इस दिवस के रूप में भी मनाया जा सकता है।
उद्देश्य:
लोगों में गुर्दा (किडनी) संबंधी बीमारियों के प्रति जागरूकता बढ़ाना।
स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देना ताकि लोग गुर्दा रोग से बच सकें।
नीतिगत स्तर पर स्वास्थ्य सुविधाओं में किडनी देखभाल को प्राथमिकता देना।
महत्व:
भारत सहित दुनिया भर में करोड़ों लोग क्रॉनिक किडनी डिज़ीज़ (CKD) से पीड़ित हैं।
इस दिवस के माध्यम से लोगों को समय पर जांच और सही खानपान की सलाह दी जाती है।
3. अन्य ऐतिहासिक घटनाएं – 12 मार्च को घटी महत्वपूर्ण घटनाएं:
12 मार्च का दिन अन्य कई ऐतिहासिक घटनाओं के लिए भी जाना जाता है, जिनमें कुछ निम्नलिखित हैं:
भारत में:
1993 – मुंबई में सिलसिलेवार बम धमाके हुए थे। यह अब तक का सबसे घातक आतंकी हमला था जिसमें 250 से ज्यादा लोग मारे गए थे और 700 से ज्यादा घायल हुए थे।
यह भारतीय इतिहास में आतंकवाद की भयावहता को दिखाने वाला दिन बन गया।
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर:
1918 – रूस में मॉस्को को राजधानी बनाया गया, जो पहले सेंट पीटर्सबर्ग थी।
1938 – जर्मनी ने ऑस्ट्रिया का विलय कर लिया, जिसे एंशलस (Anschluss) कहा जाता है। यह घटना द्वितीय विश्व युद्ध की भूमिका का हिस्सा बनी।
4. 12 मार्च को जन्में प्रसिद्ध व्यक्ति:
शिवाजी गणेशन (1928) – दक्षिण भारतीय सिनेमा के दिग्गज अभिनेता।
श्रेया घोषाल (1984) – भारतीय पार्श्वगायिका, जिन्हें कई राष्ट्रीय और फिल्मफेयर पुरस्कार मिले हैं।
निष्कर्ष:
12 मार्च का दिन भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में लिखा गया दिन है। महात्मा गांधी की दांडी यात्रा ने न केवल ब्रिटिश शासन के खिलाफ एक मजबूत संदेश दिया, बल्कि पूरी दुनिया को यह दिखा दिया कि अहिंसा के मार्ग पर चलकर भी क्रांति लाई जा सकती है।
इसके अलावा, विश्व गुर्दा दिवस जैसे जागरूकता कार्यक्रम और मुंबई बम धमाकों जैसी घटनाएं भी इस दिन को सामाजिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण बनाती हैं। ऐसे दिनों को याद करने का उद्देश्य सिर्फ इतिहास जानना नहीं है, बल्कि उससे सीख लेकर वर्तमान और भविष्य को बेहतर बनाना है।
इसलिए, 12 मार्च को सिर्फ एक तारीख नहीं, बल्कि प्रेरणा, जागरूकता और संघर्ष की प्रतीक के रूप में देखा जाना चाहिए।
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