Exhaustion Gap क्या है?
जब किसी चल रहे ट्रेंड (बढ़ते या घटते) के अंत में कीमत में अचानक बड़ा अंतराल (gap) बनता है, जिसे प्राइस और वॉल्यूम दोनों में अचानक वृद्धि के साथ देखा जाता है, तो उसे exhaustion gap कहते हैं।
यह गैप अक्सर ट्रेंड के खत्म होने या रिवर्सल (उलटफेर) का संकेत देता है।
उदाहरण के लिए, जब स्टॉक की कीमत तेजी से ऊपर जाती है और एक sudden jump के साथ खुलती है, लेकिन यह उछाल पीछे हट सकता है क्योंकि यह आखिरी खरीदारी या बिक्री की जोरदार कोशिश होती है।
यह एक तरह का "last gap" होता है ट्रेडरों का, जिसके बाद प्राइस रिवर्स हो सकता है।
Exhaustion Gap के संकेत
प्राइस और वॉल्यूम दोनों में अचानक बढ़ोतरी होती है।
यह ट्रेंड के आखिरी चरण में बनता है।
इसके बाद मार्केट की दिशा आमतौर पर उलट जाती है।
इसे पहचाने के लिए ट्रेडर प्राइस मूवमेंट, वॉल्यूम, और अन्य तकनीकी इंडिकेटर जैसे Stockistics का सहारा लेते हैं।
Exhaustion Gap का ट्रेडिंग में महत्व
यह गैप बताता है कि ट्रेंड खत्म होने वाला है।
ट्रेडर इस गैप के बाद आने वाले रिवर्सल पर ध्यान देते हैं और सही एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स का उपयोग करते हैं।
गैप भरने (gap fill) के बाद ट्रेड पोजीशन लेनी आम रणनीति होती है।
इस प्रकार, exhaustion gap ट्रेंड के अंत का एक महत्वपूर्ण संकेत होता है जो ट्रेडिंग रणनीतियों में बहुत उपयोगी होता है। इसे सही पहचानना और समझदारी से ट्रेड करना लाभदायक होता है।
अगर आप अधिक विस्तार में समझना चाहते हैं तो technical analysis के चार्ट और वॉल्यूम के साथ exhaustion gap की पहचान के बारे में और गहराई से अध्ययन करना लाभकारी होगा।
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