साइडवेज ट्रेंडलाइन के बारे में मुख्य बातें:
यह एक सीधी क्षैतिज लाइन होती है जो कीमतों के सपोर्ट (support) और रेसिस्टेंस (resistance) के बीच बनती है।
जब बाजार में खरीददार और विक्रेता लगभग बराबर होते हैं, तब कीमतें एक सीमित दायरे में बनी रहती हैं।
यह स्थिति आमतौर पर तब होती है जब मार्केट में consolidation यानी स्थिरीकरण हो रहा हो, और कोई बड़ा ट्रेंड (uptrend या downtrend) अभी शुरू नहीं हुआ हो या खतम हो रहा हो।
ट्रेडर्स इस लाइन की सहायता से यह अनुमान लगाते हैं कि कब बाजार ब्रेकआउट (ऊपर या नीचे दिशा में बढ़ना) कर सकता है।
साइडवेज ट्रेंडलाइन मार्केट की सपोर्ट और रेसिस्टेंस सीमा को दर्शाती है, जहां कीमत बार-बार टकराती रहती है।
सरल शब्दों में, साइडवेज ट्रेंडलाइन बाजार के उस दौर को दिखाती है जब कीमतें एक समान स्तर के आस-पास बनी रहती हैं, और मार्केट में न तो तेज बढ़त होती है न तेज गिरावट। यह एक तरह से बाजार का "आराम" वाला टाइम होता है।
इसका उपयोग ट्रेडिंग में एंट्री और एग्जिट पॉइंट्स के लिए भी किया जाता है, ताकि जब कीमत सपोर्ट के पास आए तो खरीद लें और रेसिस्टेंस के पास आए तो बेच दें।
इस प्रकार, Sideway Trendlines मार्केट के स्थिर या रेंज-बाउंड फेज को समझने के लिए जरूरी होती हैं और इससे ट्रेडर्स को बाजार की दिशा का अनुमान लगाने में मदद मिलती है।
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