पैटर्न की संरचना
यह पैटर्न हमेशा दो कैंडल से बनता है: पहली कैंडल "bearish" (लाल/काला) होती है, जो नीचे की ओर बंद होती है.
दूसरी कैंडल "bullish" (हरा/सफेद) होती है, जो पिछली कैंडल के close से ऊपर gap-up के साथ खुलेगी और session के दौरान लगातार ऊपर जाती है.
दूसरी कैंडल का खुलना पिछली कैंडल के high से भी ऊपर हो सकता है, और वहाँ कोई overlap नहीं होता; यानी buyers की पूरी control दिखती है.
अर्थ और संकेत
यह पैटर्न आमतौर पर downtrend के बाद बनता है, और reversal का मजबूत संकेत देता है – यानी sellers का control अचानक buyers ने ले लिया.
अगर यह pattern uptrend या sideways trend में दिखता है, तो उसका significance कम हो सकता है या वह false signal हो सकता है.
traders इसे अक्सर खरीदारी का मौका मानते हैं, क्योंकि bullish momentum शुरू होने की संभावना बढ़ जाती है.
हिंदी में सारांश
"Bullish Kicker Candlestick Pattern" दो कैंडल्स से बनता है – पहली bearish और दूसरी gap-up bullish.
यह पैटर्न मजबूत reversal का संकेत देता है, खासकर जब downtrend के बाद दिखे.
दूसरी कैंडल के खुलते ही buyers की ताकत सामने आती है और तेज़ी का दौर शुरू हो सकता है.
उदाहरण:
अगर किसी स्टॉक में गिरावट के बाद एक लंबी bearish कैंडल बने और अगले दिन वह शेयर पिछले बंद (close) से काफी ऊपर खुले और दिनभर तेजी दिखाए, तो यह bullish kicker pattern मना जाएगा — जो तेज़ तेजी का संकेत देता है.
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