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Plant ki tahniya kyo sukh jati hai

पौधे की डाली सूखने की कई वजहें हो सकती हैं, जो आमतौर पर बीमारियों और पोषण की कमी से जुड़ी होती हैं। इस समस्या के संभावित कारण और उनके समाधान निम्न हैं:

फंगस संक्रमण (Fungal Disease): मिट्टी में फंगस की मौजूदगी से जड़ों या तनों में सड़न हो सकती है, जिससे डाली सुखने लगती है। इसे रोकने के लिए फंगीसाइड का छिड़काव और मिट्टी में फंगीसाइड का उपयोग जरूरी होता है।

निमेटोड्स (Nematodes) की समस्या: ये कीड़े जड़ों में गांठें बना देते हैं, जिससे जड़ सही से पोषण नहीं ले पाती और डाली सुख जाती है। जड़ों की जांच से पता चलता है कि क्या निमेटोड्स समस्या है, और उसके अनुसार उपचार करना होता है।

जल संतुलन की कमी या अधिकता: ज्यादा पानी देने से मिट्टी की गुणवत्ता खराब होती है और जड़ गल सकती है, वहीं पानी की कमी से पौधा सूख सकता है। इसलिए पानी देने का संतुलन बनाए रखना जरूरी है।

पोषक तत्वों की कमी: खासकर मैग्नीशियम, पोटैशियम जैसे तत्वों की कमी से भी पत्तियां और डाली सूख सकती हैं। इससे बचाव के लिए एप्सम साल्ट या उपला का प्रयोग मिट्टी में किया जा सकता है।

बैक्टीरियल और वाइरल संक्रमण: कुछ बैक्टीरिया और वायरस पौधों की डाली और तनों को प्रभावित कर सकते हैं, जिससे सूखना शुरू हो जाता है। यह बीमारी तेजी से फैलती है और इसका नियंत्रण कठिन होता है।


वातावरणीय कारण: अत्यधिक गर्मी, तेज हवा या अचानक जलवायु परिवर्तन से भी डाल सूख सकती है।


उपाय:


मिट्टी में फंगीसाइड और ट्राइकोडर्मा डालना

पौधे पर नीम तेल या हाइड्रोजन पेराक्साइड छिड़कना

सूखी और खराब हुई शाखाओं को काट देना

उचित मात्रा में पानी देना और जल निकासी सही रखना

पोषण तत्वों की जांच कर एप्सम साल्ट या उपला डालना

डाली सूखना अक्सर मिट्टी संबंधी फंगस या सूखापन, निमेटोड्स, या पोषण की कमी से होती है। सही जांच और उपचार से पौधों को बचाया जा सकता है.
Plant branch dead how

पत्तों के पीलेपन के मुख्य कारण निम्न हैं:


पोषक तत्वों की कमी: नाइट्रोजन, आयरन, जिंक, सल्फर, मैग्नीशियम जैसे आवश्यक तत्वों की कमी से पत्ते पीले हो जाते हैं।

नाइट्रोजन की कमी से पुरानी पत्तियां पीली होती हैं।

आयरन की कमी से नई पत्तियां पीली पड़ती हैं लेकिन नसें हरी रहती हैं।

मैग्नीशियम की कमी में नसों के बीच पत्तियां पीली पड़ती हैं।

पानी की कमी या अधिकता: अधिश्य पानी या कमी से भी पत्तों का पीला पड़ना हो सकता है।

मिट्टी का पीएच असंतुलन: मिट्टी का पीएच संतुलन बिगड़ने से पोषक तत्व अवशोषित नहीं हो पाते और पत्ते पीले हो जाते हैं।

कीट और रोग संक्रमण: कीटों का हमला और पत्तों की बीमारियां भी पीलेपन का कारण होती हैं।

प्रकाश की कमी: पौधों को सही मात्रा में धूप न मिलने पर भी पत्तों का रंग पीला हो सकता है।

तापमान का तनाव: अत्यधिक गर्मी या ठंड से पौधे प्रभावित हो सकते हैं।

पत्तों के पीलेपन से बचाव और उपचार के लिए पोषण तत्वों की कमी को पूरा करना, सिंचाई का संतुलन बनाए रखना, मिट्टी की जांच करना, और कीट-रोग नियंत्रण करना आवश्यक है। उपयुक्त फोलियर स्प्रे या मिट्टी में माइक्रोन्यूट्रिएंट्स डालना भी लाभकारी होता है.

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