जनवरी में लगाई जाने वाली सब्जियाँ
मटर (Peas)
जनवरी में मटर की खेती बहुत अच्छी होती है। यह ठंडे मौसम में अच्छी तरह बढ़ती है। मटर की बुवाई के लिए दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है। बुवाई के समय मिट्टी में पर्याप्त नमी होनी चाहिए और सिंचाई समय-समय पर करनी चाहिए। बीज को बुवाई से पहले जैविक फफूंदनाशक से उपचारित करना चाहिए।
प्रमुख किस्में: अर्का प्रगति, बोनविला, पंजाब 88 आदि। तैयार होने का समय: 60 से 90 दिन।
गाजर (Carrot)
गाजर सर्दी की प्रमुख सब्जी है। जनवरी में इसकी बुवाई करके अच्छी उपज प्राप्त की जा सकती है। गाजर के लिए भुरभुरी और उपजाऊ मिट्टी सबसे अच्छी होती है ताकि जड़ें आसानी से बढ़ सकें।
प्रमुख किस्में: पूसा केसर, पूसा रुधिरा, नांदेड़ गाजर। तैयार होने का समय: 90 से 120 दिन। विशेष ध्यान: खेत को अच्छी तरह से जोतकर भुरभुरा बनाना चाहिए।
मूली (Radish)
मूली भी सर्दियों में उगाई जाने वाली फसल है। जनवरी में इसकी बुवाई सफलतापूर्वक की जा सकती है। मूली की फसल जल्दी तैयार हो जाती है और इसमें कम लागत आती है।
प्रमुख किस्में: पूसा चेतकी, जापानी लंबी मूली। तैयार होने का समय: 40 से 60 दिन। विशेष सलाह: मिट्टी में नमी बनी रहनी चाहिए और जलभराव से बचाव करना चाहिए।
पालक (Spinach)
पालक एक हरित पत्तीदार सब्जी है जो ठंडे मौसम में तेजी से बढ़ती है। यह बहु फसल प्रणाली में भी उगाई जा सकती है। पालक के लिए दोमट या बलुई दोमट मिट्टी सर्वोत्तम होती है।
प्रमुख किस्में: पूसा हरित, जयंती। तैयार होने का समय: 30 से 45 दिन। सलाह: लगातार तुड़ाई करने से नई कोमल पत्तियाँ आती रहती हैं।
धनिया (Coriander)
जनवरी में धनिया की खेती से अच्छी उपज ली जा सकती है। धनिया के बीज को बुवाई से पहले हल्का फोड़ लेना चाहिए ताकि अंकुरण तेजी से हो।
प्रमुख किस्में: पूसा इर्ली ब्रिड, पूसा डिप्लोमैट। तैयार होने का समय: 40 से 50 दिन। विशेष ध्यान: फूल आने से पहले पत्तियाँ तोड़नी चाहिए ताकि लंबे समय तक उत्पादन मिले।
बथुआ (Chenopodium/Goosefoot)
बथुआ एक पौष्टिक सब्जी है जिसे सर्दियों में बोया जाता है। इसका उपयोग पराठों, सब्जी और रायते में होता है। बथुआ की खेती आसान है और यह कम देखभाल में भी अच्छा उत्पादन देता है।
बुवाई समय: नवंबर से जनवरी। कटाई समय: 30 से 45 दिन के भीतर।
शलजम (Turnip)
शलजम भी एक जड़ वाली सब्जी है जिसे जनवरी में आसानी से उगाया जा सकता है। यह ठंडी जलवायु में अच्छा बढ़ता है। इसकी खेती से किसान अच्छी आमदनी कर सकते हैं।
प्रमुख किस्में: पूसा स्वर्णिमा, गोल शलजम। तैयार होने का समय: 50 से 60 दिन।
जनवरी में खेती के दौरान ध्यान रखने लायक बाते
मिट्टी की तैयारी: खेत को अच्छी तरह से जोतें और जैविक खाद या गोबर की खाद मिलाएं।
बीज उपचार: फसल रोगों से बचने के लिए बीज का जैविक या रासायनिक उपचार करें।
सिंचाई प्रबंधन: सर्दियों में नमी लंबे समय तक रहती है, इसलिए सिंचाई कम अंतराल पर करें, लेकिन जलभराव से बचें।
कीट एवं रोग नियंत्रण: फसलों की नियमित निगरानी करें और जरूरत पड़ने पर जैविक उपायों का प्रयोग करें।
गुणवत्ता: अच्छी गुणवत्ता वाले बीज का ही चयन करें जिससे उत्पादन अधिक और फसल स्वस्थ रहे।
निष्कर्ष:
जनवरी में उपयुक्त सब्जियों की बुवाई कर किसान अपनी आय को बढ़ा सकते हैं। इस समय का सही उपयोग कर अगर वैज्ञानिक तरीके से खेती की जाए तो बेहतर गुणवत्ता और अधिक मात्रा में उत्पादन संभव है। मौसम के अनुसार फसल चक्र अपनाना और उचित देखभाल करना फसल सफलता की कुंजी है।

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