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| Vegetable grow in June |
भारत जैसे विविध जलवायु वाले देश में खेती का हर मौसम महत्वपूर्ण होता है। जून का महीना खासतौर पर ग्रीष्मकालीन मौसम के अंत और मानसून की शुरुआत का समय होता है। इस दौरान तापमान ऊंचा रहता है, लेकिन कुछ क्षेत्रों में बारिश भी शुरू हो जाती है। यह समय कुछ विशिष्ट सब्जियों की खेती के लिए आदर्श माना जाता है। यदि सही तरीके से बीज बोए जाएं और पौधों की देखभाल की जाए, तो शानदार फसल प्राप्त की जा सकती है। आइए विस्तार से जानें जून महीने में कौन-कौन सी सब्जियाँ लगाई जाती हैं और उनकी खेती से जुड़ी जानकारियां
भिंडी (Ladies Finger/Okra)
बुवाई का समय: मई के अंतिम सप्ताह से जून के मध्य तक।
मिट्टी: दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी की अच्छी व्यवस्था हो।
तापमान: 25°C से 35°C के बीच उत्तम।
खास ध्यान: बीजों को बोने से पहले कार्बेन्डाजिम या थिरम जैसे फफूंदनाशक से उपचार करें। भिंडी को सप्ताह में एक बार पानी देना आवश्यक है।
फसल अवधि: लगभग 45-60 दिन।
लौकी (Bottle Gourd)
बुवाई का समय: जून की शुरुआत से जुलाई तक।
मिट्टी: कार्बनिक पदार्थों से भरपूर हल्की दोमट मिट्टी।
तापमान: 24°C से 30°C तक।
खास ध्यान: पौधों को सहारा देने के लिए मचान या जाल की व्यवस्था करनी चाहिए। लौकी को गहरी सिंचाई की आवश्यकता होती है।
फसल अवधि: 60-70 दिन।
करेला (Bitter Gourd)
बुवाई का समय: जून का पहला पखवाड़ा।
मिट्टी: अच्छी जल निकासी वाली रेतीली दोमट मिट्टी।
तापमान: 25°C से 35°C।
खास ध्यान: मचान पर चढ़ाकर फसल लेना बेहतर होता है। फल काटते समय हाथों की सुरक्षा के लिए दस्ताने पहनना चाहिए।
फसल अवधि: 55-65 दिन।
तोरई (Ridge Gourd)
बुवाई का समय: जून से अगस्त तक।
मिट्टी: उपजाऊ, जैविक खाद मिश्रित मिट्टी।
तापमान: 25°C से 32°C।
खास ध्यान: नियमित पानी और जैविक खाद का प्रयोग फसल की गुणवत्ता बढ़ाता है।
फसल अवधि: 50-60 दिन।
बरबटी (Cowpea)
बुवाई का समय: जून से जुलाई तक।
मिट्टी: हल्की दोमट मिट्टी उत्तम।
तापमान: 25°C से 30°C।
खास ध्यान: नमी बनाए रखने के लिए गहरी जुताई करें और समय पर सिंचाई करें।
फसल अवधि: 50-60 दिन।
मूली (Radish)
बुवाई का समय: विशेषकर पहाड़ी क्षेत्रों में जून में।
मिट्टी: रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें जल निकासी अच्छी हो।
तापमान: 15°C से 30°C।
खास ध्यान: समय पर पतली गुड़ाई करनी चाहिए ताकि जड़ों को बढ़ने की जगह मिले।
फसल अवधि: 30-40 दिन
पालक (Spinach)
बुवाई का समय: पहाड़ी क्षेत्रों में जून से।
मिट्टी: उपजाऊ और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी।
तापमान: 15°C से 30°C।
खास ध्यान: बीजों को रातभर पानी में भिगोने के बाद बुवाई करने से अच्छा अंकुरण होता है।
फसल अवधि: 30-40 दिन।
धनिया (Coriander)
बुवाई का समय: जून में वर्षा ऋतु की शुरुआत से पहले।
मिट्टी: उपजाऊ दोमट मिट्टी।
तापमान: 20°C से 30°C।
खास ध्यान: बीजों को बोने से पहले दरार देकर बोने से अंकुरण बेहतर होता है।
फसल अवधि: 30-45 दिन।
मिर्च (Chili)
बुवाई का समय: पौध तैयार करने के बाद जून में रोपाई।
मिट्टी: बलुई दोमट मिट्टी।
तापमान: 20°C से 30°C।
खास ध्यान: जल भराव से बचना जरूरी है। समय-समय पर खाद एवं कीट नियंत्रण का ध्यान दें।
फसल अवधि: 90-120 दिन।
टमाटर (Tomato)
बुवाई का समय: जून में नर्सरी तैयार कर जुलाई में रोपाई।
मिट्टी: दोमट और अच्छी जल धारण क्षमता वाली मिट्टी।
तापमान: 20°C से 30°C।
खास ध्यान: नर्सरी में पौधों को पर्याप्त धूप और जल व्यवस्था देनी चाहिए।
फसल अवधि: 75-90 दिन।
खेती से जुड़ी विशेष सावधानियाँ
जल प्रबंधन: जून के महीने में कहीं-कहीं तेज गर्मी तो कहीं मानसून की बारिश होती है। ऐसे में सही जल प्रबंधन अत्यंत आवश्यक है।
जैविक खेती को बढ़ावा: अधिक रसायनों के उपयोग से बचें। जैविक खाद (जैसे गोबर खाद, वर्मीकंपोस्ट) का प्रयोग करें।
कीट एवं रोग नियंत्रण: प्राकृतिक कीटनाशकों का प्रयोग करें और नियमित निगरानी करें।
सही बीजों का चयन: प्रमाणित एवं उच्च गुणवत्ता वाले बीजों का उपयोग करें।
फसल चक्र: एक ही खेत में बार-बार एक ही फसल न बोएं। फसल चक्र अपनाकर मिट्टी की उर्वरता बनाए रखें।
निष्कर्ष
जून का महीना कई प्रकार की सब्जियों की बुवाई के लिए महत्वपूर्ण अवसर प्रदान करता है। सही फसल का चयन, उचित देखभाल, जल प्रबंधन और जैविक खाद के प्रयोग से आप अच्छा उत्पादन पा सकते हैं, बल्कि बाजार में अच्छी कीमत भी हासिल कर सकते हैं। देश के अलग-अलग क्षेत्रों में मौसम थोड़ा अलग हो सकता है, मेहनत और सही तकनीक के साथ खेती में उत्कृष्ट सफलता संभव है।

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