जुलाई में लगाए जाने वाली सब्ज़ियाँ
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| Vegetable grow in July |
भारत में जुलाई का महीना वर्षा ऋतु (मानसून) का समय होता है। इस दौरान वातावरण में नमी अधिक होती है, और मिट्टी में भरपूर नमी रहती है, जो पौधों की अच्छी वृद्धि के लिए बेहद अनुकूल है। इस समय यदि सही फसलें चुनी जाएँ और उचित तरीके से उनकी देखभाल की जाए, तो अच्छी पैदावार प्राप्त की जा सकती है। आइए बताते हैं जुलाई महीने में कौन-कौन सी सब्ज़ियाँ लगाई जाती हैं, और उन्हें उगाने की जानकारी:
भिंडी (Ladies Finger)
उगाने का समय: जुलाई का महीना भिंडी की खेती के लिए आदर्श है। इस समय तापमान और नमी दोनों ही भिंडी की वृद्धि के लिए अनुकूल होते हैं।
बीज की बुवाई: बीजों को 2-3 सेमी गहराई पर बोया जाता है। पंक्ति से पंक्ति की दूरी लगभग 45-60 सेमी रखनी चाहिए और पौधे से पौधे की दूरी 30 सेमी होनी चाहिए।
खाद और सिंचाई: गोबर की खाद का भरपूर उपयोग करें। वर्षा ऋतु में यदि अधिक वर्षा हो तो जल निकासी का ध्यान रखें।
कटाई: बुवाई के 50-60 दिन बाद भिंडी तोड़ी जाती है।
लौकी (Bottle Gourd)
उगाने का समय: जुलाई में लौकी की बुवाई बहुत सफल रहती है, क्योंकि यह बेलवाली फसल है और नमी में अच्छी तरह बढ़ती है।
बीज की बुवाई: बीजों को लगभग 2-3 सेमी गहराई पर लगाया जाता है। पौधों के बीच कम से कम 1 मीटर की दूरी रखें।
खाद और सिंचाई: खेत तैयार करते समय अच्छी मात्रा में सड़ी हुई गोबर की खाद डालें। अधिक पानी से बचाव करें।
कटाई: बीज बोने के 70-80 दिन बाद लौकी तैयार हो जाती है।
करेला (Bitter Gourd)
उगाने का समय: जुलाई में करेले की बुवाई बहुत अच्छी होती है। मानसून की नमी करेले की बेलों के फैलने के लिए आदर्श है।
बीज की बुवाई: बीजों को गड्ढों में लगाया जाता है, प्रत्येक गड्ढे में 2-3 बीज बोए जाते हैं।
खाद और सिंचाई: खाद के साथ साथ नीम की खली का भी प्रयोग करें। बेलों को सहारा देने के लिए जाल या खंभों की व्यवस्था करें।
कटाई: 55-65 दिन में फल तोड़ने लायक हो जाते हैं।
तोरई (Ridge Gourd)
उगाने का समय: जुलाई में तोरई की बुवाई बहुत उपयुक्त है। इसकी बेलों को वर्षा ऋतु में तेज़ी से फैलने के लिए उपयुक्त वातावरण मिलता है।
बीज की बुवाई: तोरई के बीज को 1-2 सेमी गहराई पर बोया जाता है। बेलों को चढ़ाने के लिए मचान बनाना फायदेमंद होता है।
खाद और सिंचाई: खाद की अच्छी मात्रा और आवश्यकता अनुसार पानी दें।
कटाई: बुवाई के 45-55 दिन बाद फसल तैयार हो जाती है।
मूली (Radish)
उगाने का समय: जुलाई के अंत से मूली की बुवाई शुरू की जाती है, खासकर देरी से पकने वाली किस्मों के लिए।
बीज की बुवाई: पंक्तियों में बीज बोएं और बाद में जरूरत अनुसार間 thinning करें।
खाद और सिंचाई: मिट्टी को भुरभुरी और उपजाऊ रखें। हल्की सिंचाई नियमित करें।
कटाई: किस्म के अनुसार 30-60 दिन में मूली तैयार हो जाती है।
पालक (Spinach)
उगाने का समय: जुलाई में पालक की बुवाई भी की जाती है। यह एक तेज़ी से बढ़ने वाली हरी पत्तेदार सब्जी है।
बीज की बुवाई: बीजों को छिटकाव विधि से या कतारों में बोया जा सकता है।
खाद और सिंचाई: जैविक खाद या वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करें। आवश्यकता अनुसार सिंचाई करते रहें।
कटाई: बुवाई के 25-30 दिन बाद पत्तियाँ तोड़ी जा सकती हैं
सेम (Broad Beans)
उगाने का समय: जुलाई में सेम की बेलों की बुवाई अच्छी रहती है।
बीज की बुवाई: गड्ढों या कतारों में बीज लगाए जाते हैं। बेलों के लिए सहारा दें।
खाद और सिंचाई: सड़ी हुई गोबर खाद और वर्मी कम्पोस्ट का प्रयोग करें।
कटाई: बुवाई के 60-70 दिन बाद फसल तैयार होती है।
टमाटर (Tomato)
उगाने का समय: जुलाई के अंतिम सप्ताह से टमाटर की नर्सरी तैयार की जाती है, ताकि अगस्त-सितंबर में रोपाई की जा सके।
बीज की बुवाई: नर्सरी में बीज बोकर बाद में मुख्य खेत में पौधे लगाए जाते हैं।
खाद और सिंचाई: टमाटर के लिए अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी आवश्यक है। जैविक खाद और गोबर की खाद का प्रयोग करें।
कटाई: पौधे लगाने के 60-80 दिन बाद फल तुड़ाई योग्य हो जाते हैं।
महत्वपूर्ण सुझाव:- जल निकासी का ध्यान रखें: जुलाई में बारिश अधिक होती है, अतः खेतों में जल जमाव न होने दें।
जैविक खादों का प्रयोग करें: इससे फसल का उत्पादन अच्छा होता है और मिट्टी की उर्वरता बनी रहती है।
कीट और रोग नियंत्रण: बारिश में फसलों पर कीट और फफूंद रोगों का हमला होता है। जैविक कीटनाशक या नीम तेल का छिड़काव करें।
सही किस्मों का चयन: जलवायु के अनुसार उच्च गुणवत्ता वाली किस्मों का चयन करें।
समय-समय पर निराई-गुड़ाई करें: इससे फसल को उचित पोषण मिलता है और खरपतवार से बचाव होता है।
निष्कर्ष
जुलाई का महीना खेती के लिए एक सुनहरा अवसर होता है, खासकर सब्ज़ियों की खेती के लिए। इस समय नमी और तापमान दोनों का संतुलन पौधों के विकास को प्रोत्साहित करता है। यदि उपयुक्त तरीके से बीज चयन, बुवाई, खाद प्रबंधन और रोग नियंत्रण किया जाए, तो किसान भाई बहन अच्छी पैदावार के साथ अच्छा लाभ भी प्राप्त कर सकते हैं। मेहनत से जुलाई में लगाई गई सब्ज़ियाँ केवल घर के लिए ताज़ी उपज प्रदान करती हैं, बल्कि व्यावसायिक स्तर पर भी आय का अच्छा स्रोत बन सकती हैं।

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