नवंबर में लगाए जाने वाली सब्ज़ियाँ
भारत में नवंबर का महीना शरद ऋतु का समय होता है, जब गर्मी कम हो जाती है और ठंडक का अहसास शुरू हो जाता है। यह महीना खेती के लिए बहुत अनुकूल माना जाता है, क्योंकि मौसम में न तो अधिक गर्मी रहती है और न ही ज्यादा ठंड। इस समय तापमान और नमी की स्थिति कई तरह की सब्ज़ियों की खेती के लिए उपयुक्त होती है। किसानों के लिए नवंबर का महीना बहुत महत्वपूर्ण होता है क्योंकि वे इस समय कई प्रमुख रबी फसलों और सब्ज़ियों की बुवाई करते हैं।
नवंबर में निम्नलिखित सब्ज़ियों की खेती करना लाभदायक होता है:
मटर (Peas)
मटर की बुवाई नवंबर में बड़े पैमाने पर की जाती है। यह ठंडी जलवायु को पसंद करती है और नवंबर में इसकी बुवाई से फरवरी-मार्च तक अच्छी पैदावार मिलती है। मटर की खेती के लिए दोमट मिट्टी और उचित जल निकासी वाली भूमि उपयुक्त रहती है। इसकी बीजाई के समय मिट्टी को अच्छी तरह जोतकर नरम किया जाता है और फिर बीजों को 2-3 सेमी गहराई में बोया जाता है।
पालक (Spinach)
पालक एक हरी पत्तेदार सब्ज़ी है जिसे नवंबर में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। यह कम समय में तैयार हो जाती है और अधिक ठंड सहन कर सकती है। पालक की बुवाई के लिए हल्की दोमट मिट्टी सबसे अच्छी मानी जाती है। बुवाई के 30-40 दिन बाद पालक की कटाई की जा सकती है। पालक में विटामिन ए, सी और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो इसे सर्दियों के लिए एक आदर्श सब्ज़ी बनाता है।
गाजर (Carrot)
गाजर की बुवाई नवंबर में करना अत्यंत उपयुक्त होता है। यह मुख्यतः ठंडी जलवायु में अच्छी तरह बढ़ती है। गाजर के लिए रेतीली दोमट मिट्टी सबसे अच्छी होती है। बीज को छितराकर या कतारों में बोया जाता है। गाजर मुख्यतः 90-100 दिनों में तैयार हो जाती है और इसमें विटामिन ए प्रचुर मात्रा में पाया जाता है।
मूली (Radish)
मूली भी नवंबर में बोई जाने वाली प्रमुख सब्ज़ियों में से एक है। मूली जल्दी बढ़ती है और लगभग 40-60 दिनों में तैयार हो जाती है। मूली की खेती के लिए रेतीली और उपजाऊ मिट्टी की आवश्यकता होती है। मूली में विटामिन सी प्रचुर मात्रा में पाया जाता है और इसे सलाद या सब्ज़ी दोनों रूपों में खाया जाता है।
बथुआ (Bathua)
बथुआ एक प्राकृतिक रूप से उगने वाली हरी पत्तेदार सब्ज़ी है जो खासतौर पर सर्दियों में उगती है। नवंबर इसका आदर्श महीना है। बथुआ की खेती के लिए अधिक देखभाल की आवश्यकता नहीं होती और यह कम समय में तैयार हो जाता है। इसमें आयरन, फाइबर और अन्य पोषक तत्व प्रचुर मात्रा में पाए जाते हैं।
पत्ता गोभी (Cabbage)
पत्ता गोभी ठंडी जलवायु की फसल है और नवंबर इसका प्रमुख बुवाई महीना है। इसके लिए उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी की आवश्यकता होती है। पत्ता गोभी की नर्सरी तैयार कर पौधों को खेत में स्थानांतरित किया जाता है। बुवाई के 90-120 दिनों के भीतर फसल तैयार हो जाती है।
फूल गोभी (Cauliflower)
फूल गोभी भी नवंबर में बोई जाती है। इसकी खेती के लिए ठंडा वातावरण और नमी वाली मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। फूल गोभी की समय पर बुवाई और देखभाल से अच्छे आकार के फूल प्राप्त होते हैं। यह सब्ज़ी विटामिन सी और फाइबर का अच्छा स्रोत है।
ब्रोकली (Broccoli)
ब्रोकली एक स्वास्थ्यवर्धक सब्ज़ी है जो अब भारत में भी लोकप्रिय हो रही है। इसकी बुवाई नवंबर में की जाती है। ब्रोकली को भी फूल गोभी की तरह ठंडे वातावरण की आवश्यकता होती है। इसके नियमित सेवन से शरीर को भरपूर पोषक तत्व मिलते हैं।
धनिया (Coriander)
धनिया को मसाले और हरी सब्ज़ी दोनों के रूप में उपयोग किया जाता है। नवंबर में इसकी बुवाई करने पर जल्दी और अच्छी उपज मिलती है। धनिया की खेती के लिए हल्की और उपजाऊ मिट्टी उपयुक्त रहती है। पौधों को नियमित पानी देने से हरी-भरी पत्तियाँ प्राप्त होती हैं।
सलाद पत्तियाँ (Lettuce)
सलाद पत्तियाँ विशेषकर ठंड के मौसम में अच्छी तरह उगती हैं। नवंबर में बुवाई करने पर ताजे, कुरकुरे सलाद के पत्ते मिलते हैं। यह सब्ज़ी विशेषकर फास्ट फूड इंडस्ट्री और स्वास्थ्य जागरूक लोगों में काफी लोकप्रिय है।
महत्वपूर्ण सुझाव:
नवंबर में बुवाई करते समय बीजों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देना चाहिए।
खेत की मिट्टी को अच्छी तरह जोतकर उसमें जैविक खाद डालनी चाहिए।
फसल में उचित अंतराल पर सिंचाई करें ताकि नमी बनी रहे लेकिन जल जमाव न हो।
फसलों को कीट और रोगों से बचाने के लिए जैविक कीटनाशकों का उपयोग करें।
मौसम के अचानक बदलने वाले प्रभावों से बचाव के लिए फसलों को समय-समय पर निरीक्षण करें।
निष्कर्ष:
नवंबर का महीना सब्ज़ी उत्पादन के लिए एक सुनहरा अवसर प्रदान करता है। इस समय बोई गई सब्ज़ियाँ स्वादिष्ट, पोषक तत्वों से भरपूर और बाजार में अधिक मांग वाली होती हैं। सही तकनीक और उचित देखभाल के साथ किसान तथा बागवानी प्रेमी इस महीने में अच्छी पैदावार प्राप्त कर सकते हैं। इससे स्वस्थ जीवनशैली को भी बढ़ावा मिलता है।

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