मूलाधार चक्र (Root Chakra) को सक्रिय करने के लिए आपको शारीरिक, मानसिक और आध्यात्मिक स्तर पर अभ्यास करना होता है। मूलाधार चक्र को संस्कृत में “मूलाधार” कहते हैं, और यह शरीर के आधार (रीढ़ की हड्डी के निचले भाग) में स्थित होता है। यह चक्र स्थिरता, सुरक्षा, आत्मविश्वास और जीवनी शक्ति से जुड़ा होता है।
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| About Root chakra |
🔴 मूलाधार चक्र (Root Chakra) की जानकारी
स्थान: रीढ़ की हड्डी के निचले भाग में, गुदा और जननेंद्रिय के बीच
तत्व: पृथ्वी (Earth)
रंग: लाल (Red)
बीज मंत्र (Seed Mantra): "लं" (Lam)
संकेत: सुरक्षा, स्थिरता, भौतिक जरूरतों की पूर्ति
🌱 मूलाधार चक्र को सक्रिय करने के उपाय (Step-by-Step)
1. बीज मंत्र का जप (Mantra Chanting)
रोजाना “लं” मंत्र का 108 बार उच्चारण करें।
ध्यान की स्थिति में बैठें, गहरी सांस लें और “लं” को लंबी सांस के साथ दोहराएं।
यह कंपन (Vibration) मूलाधार को सक्रिय करता है।
🕉️ जाप विधि:
ॐ लं लं लं लं लं... (धीरे-धीरे उच्चारण करें)
2. ध्यान (Meditation)
शांत स्थान पर बैठें, आँखें बंद करें।
ध्यान केंद्रित करें अपने मूलाधार स्थान पर (रीढ़ की हड्डी का निचला सिरा)।
वहां एक लाल रंग की ऊर्जा की कल्पना करें, जो घूम रही है और फैल रही है।
10–20 मिनट प्रतिदिन करें।
3. योगासन (Yoga for Root Chakra)
नीचे दिए गए आसन मूलाधार चक्र को सक्रिय करने में सहायक हैं:
आसन का नाम
लाभ
🌿 ताड़ासन (Tadasana)
स्थिरता और संतुलन बढ़ाता है
🌿 वीरभद्रासन (Warrior Pose)
आत्मविश्वास व जड़त्व दूर करता है
🌿 मलासन (Garland Pose)
मूलाधार क्षेत्र में रक्त प्रवाह बढ़ाता है
🌿 बालासन (Child Pose)
तनाव कम करता है, सुरक्षा का अनुभव कराता है
👉 हर आसन को 1–2 मिनट करें, धीरे-धीरे समय बढ़ाएं।
4. मूलाधार चक्र से जुड़े खाद्य पदार्थ
इन चीजों का सेवन मूलाधार चक्र को संतुलित करता है:
लाल रंग के फल और सब्जियाँ – टमाटर, चुकंदर, सेब
प्रोटीन युक्त चीजें – दालें, नट्स, दही
जड़ वाली सब्जियाँ – शकरकंद, गाजर, मूली
5. संगीत और कंपन चिकित्सा (Sound Healing)
256 Hz या 396 Hz की ध्वनि तरंगें मूलाधार चक्र के लिए उपयुक्त होती हैं।
"Binaural beats" या "Root Chakra healing music" सुनें।
इसे ध्यान या सोने से पहले सुनना लाभकारी होता है।
6. सुगंध चिकित्सा (Aromatherapy)
निम्नलिखित essential oils का उपयोग करें:
चंदन (Sandalwood)
पचौली (Patchouli)
दालचीनी (Cinnamon)
Vetiver
👉 इन्हें diffuser में प्रयोग करें या ध्यान के समय एक-दो बूंदें नाक के नीचे लगाएं।
7. क्रिस्टल थेरेपी (Crystal Therapy)
रेड जैस्पर (Red Jasper)
हेमेटाइट (Hematite)
ब्लडस्टोन (Bloodstone) 👉 इन्हें ध्यान के समय मूलाधार के पास रखें।
🔍 लक्षण जब मूलाधार चक्र सक्रिय होता है:
आत्मविश्वास में वृद्धि
जीवन में स्थिरता का अनुभव
आर्थिक, शारीरिक और मानसिक सुरक्षा की भावना
भय, चिंता और अस्थिरता में कमी
🛑 अवरुद्ध (Blocked) Root Chakra के संकेत:
डर, असुरक्षा की भावना
आर्थिक चिंता
गुस्सा या चिड़चिड़ापन
पीठ, पैर या घुटनों में दर्द
✅ सुझाव
रोजाना धरती पर नंगे पाँव चलें (Grounding)
प्रकृति के करीब समय बिताएँ
नियमित दिनचर्या बनाएं
🌟 7-दिन का मूलाधार चक्र जागरण (Activation) प्लान
दिन 1: शुरुआत और स्थिरता
ध्यान: 10 मिनट – मूलाधार चक्र पर ध्यान करें, लाल रंग की प्रकाश की कल्पना करें।
मंत्र जाप: "लं" मंत्र 108 बार जपें।
योग: ताड़ासन और बालासन (1–2 मिनट)
आहार: चुकंदर या टमाटर का सेवन
अभ्यास: नंगे पाँव धरती पर 5 मिनट चलें।
दिन 2: ऊर्जा का संचार
ध्यान: 15 मिनट – रीढ़ के नीचे घूमती हुई लाल ऊर्जा की कल्पना करें।
मंत्र जाप: “ॐ लं” का उच्चारण 108 बार
योग: मलासन और वीरभद्रासन
संगीत: 396 Hz Root Chakra संगीत सुनें (10 मिनट)
आहार: मूली या गाजर के साथ सलाद
क्रिस्टल: रेड जैस्पर पास रखें (यदि उपलब्ध हो)
दिन 3: भय को दूर करना
ध्यान: 15 मिनट, ध्यान के अंत में “लं” मंत्र का जाप करें।
योग: ताड़ासन, बालासन, मलासन
अभ्यास: 5 मिनट आत्मस्वीकृति के लिए दर्पण में खुद से बात करें ("मैं सुरक्षित हूँ। मैं स्थिर हूँ।")
आहार: शकरकंद, मूंग दाल
सुगंध चिकित्सा: चंदन या पचौली तेल सूँघें
दिन 4: स्थायित्व और आत्मविश्वास
ध्यान: 20 मिनट, लाल ऊर्जा की कल्पना + “लं” मंत्र
योग: वीरभद्रासन + गहरी सांसें
अभ्यास: लेखन – 5 कारण लिखें कि आप अपने जीवन में सुरक्षित क्यों हैं
आहार: प्रोटीन युक्त – दाल, चने, बादाम
संगीत: Root Chakra binaural beats (15 मिनट)
दिन 5: ग्राउंडिंग का गहरा अभ्यास
ध्यान: खुले में (यदि संभव हो), धरती पर बैठकर ध्यान करें
मंत्र जाप: “लं” + म्यूजिक सुनें
योग: बालासन, ताड़ासन
अभ्यास: 10 मिनट नंगे पाँव प्रकृति में चलना
आहार: लाल फल – सेब, अनार
दिन 6: सभी तत्वों का समावेश
ध्यान: 20 मिनट – ध्यान, मंत्र और लाल रंग की ऊर्जा की कल्पना मिलाकर करें
योग: सभी 4 योगासन (ताड़ासन, वीरभद्रासन, मलासन, बालासन)
संगीत: 396 Hz + क्रिस्टल थेरेपी
सुगंध: दालचीनी या Vetiver का प्रयोग
आहार: रूट वेजिटेबल्स – गाजर, आलू, शकरकंद
दिन 7: समर्पण और संतुलन
ध्यान: लंबा ध्यान सत्र (30 मिनट यदि संभव हो)
आभार: जीवन की सुरक्षा, जड़ों और स्थायित्व के लिए आभार प्रकट करें
मंत्र जाप: "ॐ लं नमः" 108 बार
योग: केवल बालासन (विश्राम योग) + 5 मिनट श्वास पर ध्यान
अभ्यास: पूरे सप्ताह की प्रगति पर चिंतन
🧘 जरूरी सुझाव (Important Tips)
ध्यान और योग खाली पेट या हल्के भोजन के बाद करें।
हर दिन एक ही समय पर अभ्यास करें।
किसी भी दिन आलस्य या भय आए तो उससे भागें नहीं — बस 5 मिनट बैठें और साँस लें।
अभ्यास के दौरान लाल वस्त्र या लाल क्रिस्टल साथ रखें।

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