पटना, बिहार की राजधानी, भारत के सबसे प्राचीन नगरों में से एक है। यह नगर ऐतिहासिक, धार्मिक, सांस्कृतिक और राजनीतिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है। गंगा नदी के किनारे बसा यह शहर पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र बना हुआ है। आइए जानते हैं पटना के शीर्ष 10 दर्शनीय स्थलों के बारे में।
1. गोलघर
गोलघर पटना का एक प्रमुख और ऐतिहासिक स्मारक है। इसे 1786 में ब्रिटिश अधिकारी कैप्टन जॉन गैस्टिन ने अनाज भंडारण के लिए बनवाया था। इसकी खासियत यह है कि इसकी सीढ़ियाँ गोल घुमावदार तरीके से बनी हैं और इसकी ऊँचाई से पूरा पटना शहर और गंगा नदी का विहंगम दृश्य देखा जा सकता है।
2. पटना साहिब गुरुद्वारा (तख्त श्री हरिमंदिर साहिब)
यह सिख धर्म के दसवें गुरु, गुरु गोविंद सिंह जी का जन्मस्थल है। यह गुरुद्वारा सिखों के पाँच तख्तों में से एक है और श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पूजनीय स्थल है। इसकी भव्यता और शांत वातावरण हर किसी को भावविभोर कर देता है।
3. बिहार म्यूज़ियम
यह आधुनिक संग्रहालय पटना के ज्ञान और विरासत को समर्पित है। यहाँ प्राचीन मूर्तियाँ, ऐतिहासिक दस्तावेज़, चित्रकला और सांस्कृतिक धरोहरों का सुंदर संग्रह है। बच्चों और शोधार्थियों के लिए यह एक ज्ञानवर्धक स्थान है।
4. संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना ज़ू)
इस उद्यान को 'पटना ज़ू' भी कहा जाता है। यह बिहार का सबसे बड़ा और प्रसिद्ध चिड़ियाघर है जहाँ विभिन्न प्रकार के जानवर, पक्षी और वनस्पतियाँ देखने को मिलती हैं। यहाँ बोटिंग की सुविधा भी है, जिससे परिवारों और बच्चों को विशेष आनंद मिलता है।
5. कुम्हरार
कुम्हरार एक पुरातात्विक स्थल है जहाँ पाटलिपुत्र (प्राचीन पटना) के अवशेष पाए गए हैं। यहाँ सम्राट अशोक और मौर्य वंश के शासनकाल के चिह्न मिलते हैं। यह स्थान इतिहास प्रेमियों के लिए अत्यंत रोचक और जानकारीपूर्ण है।
6. अगम कुआँ
अगम कुआँ एक रहस्यमयी ऐतिहासिक स्थल है जिसे सम्राट अशोक की कालकोठरी माना जाता है। कहा जाता है कि यहाँ अशोक ने अपने शासकीय दंड और न्याय प्रणाली का उपयोग किया था। यह स्थान आज भी रहस्य और रोमांच से भरा है।
7. बुद्ध स्मृति पार्क
यह पार्क बुद्ध धर्म के अनुयायियों के लिए विशेष महत्व रखता है। इसे बौद्ध धर्म के संस्थापक गौतम बुद्ध की याद में बनवाया गया है। यहाँ विभिन्न देशों से लाए गए बौद्ध स्तूप और शांति स्तंभ हैं जो इसकी भव्यता को और बढ़ाते हैं।
8. गांधी मैदान
गांधी मैदान पटना के मध्य में स्थित एक विशाल खुला मैदान है जो ऐतिहासिक रैलियों, आंदोलनों और सांस्कृतिक आयोजनों का साक्षी रहा है। यह स्थान न केवल विश्राम के लिए, बल्कि इतिहास को महसूस करने के लिए भी उपयुक्त है।
9. पादरी की हवेली
यह पटना की सबसे पुरानी चर्च इमारतों में से एक है, जो 1772 में बनाई गई थी। यह रोमन कैथोलिक चर्च अपनी वास्तुकला और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ का शांत वातावरण आत्मिक शांति का अनुभव कराता है।
10. हाईकोर्ट और सचिवालय भवन
पटना उच्च न्यायालय और सचिवालय भवन ब्रिटिश काल की शानदार वास्तुकला को दर्शाते हैं। ये भवन न केवल प्रशासनिक दृष्टि से महत्वपूर्ण हैं, बल्कि इनके चारों ओर का क्षेत्र भी सुंदर और साफ-सुथरा है, जो एक दर्शनीय स्थल के रूप में देखा जाता है।
निष्कर्ष
पटना न केवल बिहार की राजधानी है, बल्कि भारतीय सभ्यता, संस्कृति और इतिहास का प्रतीक भी है। यहाँ के दर्शनीय स्थल हमें प्राचीन भारत से लेकर आधुनिक काल तक की यात्रा पर ले जाते हैं। यदि आप ऐतिहासिक, धार्मिक और सांस्कृतिक स्थलों में रुचि रखते हैं, तो पटना निश्चित ही आपके लिए एक बेहतरीन पर्यटन स्थल हो सकता है।
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