1. जगन्नाथ मंदिर
पुरी का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थल है श्री जगन्नाथ मंदिर, जो भगवान विष्णु के अवतार श्रीकृष्ण को समर्पित है। यह मंदिर 12वीं शताब्दी में बना था और इसकी वास्तुकला कलिंग शैली की उत्कृष्ट मिसाल है। यहां हर साल जुलाई में रथ यात्रा आयोजित होती है, जिसमें लाखों श्रद्धालु भाग लेते हैं। यह मंदिर केवल हिन्दुओं के लिए ही खुला है, लेकिन इसकी बाहरी दीवारों और रथ यात्रा को सभी देख सकते हैं।
2. पुरी समुद्र तट
पुरी का समुद्र तट बहुत प्रसिद्ध है और यह भारत के सुंदरतम तटों में से एक माना जाता है। यहाँ सुबह की सैर, सूर्यास्त का दृश्य, ऊंट की सवारी और स्थानीय समुद्री व्यंजन एक विशेष अनुभव प्रदान करते हैं। यह स्थान तीर्थयात्रियों और पर्यटकों दोनों के बीच बेहद लोकप्रिय है।
3. कोणार्क का सूर्य मंदिर
पुरी से लगभग 35 किमी दूर स्थित कोणार्क सूर्य मंदिर, यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल है। यह 13वीं सदी में बना विशाल मंदिर सूर्य देव को समर्पित है और इसकी रथ जैसी संरचना बहुत ही अद्वितीय है। यह मंदिर भारतीय वास्तुकला, मूर्तिकला और संस्कृति का अद्भुत उदाहरण है।
4. चिल्का झील
चिल्का झील एशिया की सबसे बड़ी खारे पानी की झील है, जो पुरी से लगभग 50 किमी दूर स्थित है। यह पक्षी प्रेमियों और प्रकृति प्रेमियों के लिए स्वर्ग समान है। यहां सर्दियों में साइबेरिया से प्रवासी पक्षी आते हैं। झील में बोटिंग करते हुए आप डॉल्फिन भी देख सकते हैं, विशेषकर सतपाड़ा क्षेत्र में।
5. गुंडिचा मंदिर
गुंडिचा मंदिर वह स्थान है जहाँ हर वर्ष रथ यात्रा के दौरान भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा कुछ दिनों के लिए विराजते हैं। यह मंदिर शांत वातावरण में स्थित है और इसे "जगन्नाथ का मासी घर" भी कहा जाता है।
6. लोकनाथ मंदिर
पुरी का लोकनाथ मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। कहा जाता है कि इस मंदिर की शिवलिंग हमेशा जल में डूबी रहती है और केवल एक बार, विशेष अवसर पर, इसे पूरी तरह से दर्शन के लिए निकाला जाता है। यह एक रहस्यमयी और आस्था से भरा स्थान है
7. मार्कंडेय तीर्थ
यह तीर्थ स्थल भगवान मार्कंडेय ऋषि से जुड़ा हुआ है। यह एक शांत और धार्मिक स्थान है, जहाँ स्थानीय लोग स्नान और पूजा के लिए आते हैं। यह पुरी के पुराने हिस्से में स्थित है और आध्यात्मिक शांति का अनुभव कराने वाला स्थान है।
8. अलारनाथ मंदिर
पुरी से करीब 24 किलोमीटर दूर ब्रह्मगिरी में स्थित अलारनाथ मंदिर भगवान विष्णु के एक रूप को समर्पित है। यह मंदिर खासतौर पर उस समय प्रसिद्ध होता है जब जगन्नाथ मंदिर में अनवसर (15 दिन का बंद) होता है, तब श्रद्धालु यहां दर्शन करने आते हैं।
9. रामचंडी समुद्र तट
कोणार्क के पास स्थित यह समुद्र तट तुलनात्मक रूप से शांत और कम भीड़-भाड़ वाला है। यह स्थल प्रकृति प्रेमियों के लिए आदर्श है। पास में रामचंडी देवी का मंदिर भी है, जो स्थानीय लोगों की आस्था का केंद्र है।
10. रघुराजपुर हस्तशिल्प ग्राम
पुरी से 14 किलोमीटर दूर स्थित रघुराजपुर गाँव ओडिशा की पारंपरिक पत्ताचित्र कला के लिए प्रसिद्ध है। यह गाँव एक "हेरिटेज विलेज" घोषित किया गया है और यहाँ हर घर में कोई न कोई कलाकार होता है। यहाँ से आप पारंपरिक कला के सुंदर नमूने खरीद सकते हैं और कलाकारों से बातचीत कर सकते हैं।
निष्कर्ष:
पुरी एक ऐसा स्थान है जहाँ धर्म, संस्कृति और प्रकृति का अद्भुत संगम देखने को मिलता है।
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