इसके मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:
यह तब बनता है जब कीमत प्रमुख सपोर्ट या रेजिस्टेंस स्तर को पार कर एक नए ट्रेंड की दिशा में तेज़ी से बढ़ती या गिरती है।
यह गैप अक्सर बड़े वॉल्यूम के साथ आता है, जो ट्रेंड के मजबूत होने का संकेत देता है।
ब्रेकअवे गैप के बाद कीमत कई सत्रों तक उसी दिशा में बढ़ती रहती है, जो नए रुझान (ट्रेंड) की शुरुआत को दर्शाता है।
यह गैप बाजार की धारणा (market sentiment) में महत्वपूर्ण बदलाव को दर्शाता है, जो या तो तेज़ी (बुलिश) हो सकती है या मंदी (बेयरिश)।
यह गैप सामान्य गैप से अलग होता है क्योंकि यह लंबे समय के लिए बना रह सकता है और नए ट्रेंड की नींव रखता है।
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