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Difference between downtrend and bearish market

डाउनट्रेंड और बियर मार्केट में फर्क
दोनों शब्द शेयर मार्केट में गिरावट को दर्शाते हैं, लेकिन इनका मतलब और दायरा अलग होता है। नीचे इन दोनों के बीच मुख्य अंतर दिए गए हैं:
डाउनट्रेंड क्या है?
परिभाषा: डाउनट्रेंड का मतलब है किसी शेयर, इंडेक्स या अन्य संपत्ति की कीमतों में लगातार गिरावट आना। इसमें हर हाई और लो पिछले से नीचा बनता है।

दायरा: यह एक छोटे टाइम फ्रेम (दिन, सप्ताह) या किसी एक स्टॉक तक सीमित हो सकता है।

आवृत्ति: यह अस्थायी भी हो सकता है, कई दिनों या हफ्तों तक चलता है, कभी-कभी मार्केट में हल्की गिरावट के समय भी डाउनट्रेंड देखने को मिलता है।

पहचान: चार्ट पर Lower Highs और Lower Lows बनते हैं, यानी लगातार कीमत नीचे जाना।

बियर मार्केट क्या है?
परिभाषा: बियर मार्केट वह स्थिति है जब व्यापक रूप से पूरे मार्केट या बड़े इंडेक्स में लंबे समय तक लगातार गिरावट आती है, आम तौर पर 20% या उससे ज्यादा।

दायरा: यह पूरे मार्केट या इंडेक्स (जैसे सेंसेक्स, निफ्टी) को प्रभावित करता है।

आवृत्ति: बियर मार्केट महीनों या सालों तक भी चल सकता है, और इसमें निवेशकों का विश्वास कम हो जाता है।

लक्षण: आर्थिक सुस्ती, बेरोजगारी बढ़ना, मार्केट सेंटीमेंट बेहद नेगेटिव रहना।

सारांश
डाउनट्रेंड एक छोटे दायरे या सीमित समय की गिरावट है; यह किसी भी शेयर या इंडेक्स में देखी जा सकती है।

बियर मार्केट व्यापक, लंबे समय तक चलने वाली, और सामान्य तौर पर 20% से अधिक गिरावट वाली मंदी होती है।

सभी बियर मार्केटों में डाउनट्रेंड होते हैं, लेकिन हर डाउनट्रेंड बियर मार्केट नहीं बनता।

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