मोटिव वेव (Motive Waves): ये पाँच वेव्स की संरचना होती हैं, जो मुख्य ट्रेंड की दिशा में होती हैं और 1, 2, 3, 4, 5 के रूप में लेबल की जाती हैं। इनमें से वेव 1, 3, और 5 मुख्य दिशा निर्धारित करती हैं जबकि वेव 2 और 4 काउंटर वेव होते हैं।
करेक्टिव वेव (Corrective Waves): ये तीन वेव्स की संरचना होती हैं, A, B, और C के रूप में, जो मुख्य ट्रेंड के खिलाफ होते हैं और सुधारात्मक रूप में आते हैं।
Elliott Wave Theory में सर्वोपरि नियम होते हैं जो यह सुनिश्चित करते हैं कि वेव पैटर्न मान्य हैं। उदाहरण के लिए, वेव 2 कभी भी वेव 1 की शुरुआत से ज्यादा पीछे नहीं जा सकती और वेव 3 कभी भी सबसे छोटी वेव नहीं हो सकती।
यह सिद्धांत बाजार के छोटे और बड़े दोनों समय-सीमाओं पर काम करता है और फिबोनैचि (Fibonacci) अनुक्रम के साथ मिलकर ट्रेडर्स को बाजार के रुझान और संभावित उलटफेर को पहचानने में मदद करता है, जिससे वे बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले सकते हैं।
संक्षेप में, Elliott Wave Theory बाजार के भावों के पैटर्न को समझकर भविष्य की कीमतों की दिशा का पूर्वानुमान लगाने की कोशिश करती है.

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