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Fibonacci relation Elliott Waves ke beech kya hai

Elliott Wave Theory और Fibonacci के बीच एक गहरा संबंध होता है। Elliott Wave Theory कहती है कि बाजार की कीमतें फाइव वेव्स (5 waves) के पैटर्न में बढ़ती हैं और तीन वेव्स (3 waves) के पैटर्न में गिरावट या सुधार होती है। Fibonacci रिलेशनशिप इस सिद्धांत में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है क्योंकि यह बताती है कि ये वेव्स आमतौर पर Fibonacci रेशियो के अनुपातों (जैसे 61.8%, 38.2%, 161.8%) पर कैसे आकार और लंबाई लेते हैं।

मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:


वेव 2, सामान्यत: वेव 1 के 61.8% तक पीछे हटती है।

वेव 3 अक्सर वेव 1 से 161.8% लंबी होती है, यानी यह सबसे बड़ी और सबसे शक्तिशाली वेव होती है।

वेव 4 आमतौर पर वेव 3 के 38.2% या 50% तक पीछे हटती है।

वेव 5 की लंबाई, वेव 3 की लंबाई के 61.8% या 100% के करीब होती है।

इस प्रकार Fibonacci रेशियो का उपयोग वेव्स के संभावित टारगेट और समर्थन/प्रतिरोध स्तरों को पहचानने के लिए किया जाता है, जिससे ट्रेडर्स को बाज़ार की संभावित दिशा का अनुमान लगाने में मदद मिलती है। Fibonacci अनुक्रम Elliott Waves के पैटर्न के सही आकार और समय का निर्धारण करने में एक नैतिक मापदंड प्रदान करता है, जिससे Elliott Wave Theory की भविष्यवाणियां अधिक सटीक होती हैं।

Fibonacci relation & Elliott Wave Theory



संक्षेप में, Elliott Wave Theory के वेव्स के बढ़ने और घटने के पैटर्न Fibonacci रेशियो से प्रभावित होते हैं, जो बाजार की चाल को समझने और ट्रेडिंग निर्णयों में मार्गदर्शन देने के लिए उपयोगी होते हैं.

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