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Important of volume in Breakout

ब्रेकआउट में वॉल्यूम का महत्व बहुत ज्यादा होता है क्योंकि यह ब्रेकआउट की प्रामाणिकता और मजबूती की पुष्टि करता है। 

मुख्य बिंदु इस प्रकार हैं:


वॉल्यूम बाजार की गतिविधि को दर्शाता है। जब स्टॉक की कीमत किसी सपोर्ट या रेजिस्टेंस लेवल को पार करती है (ब्रेकआउट), और साथ ही वॉल्यूम भी उच्च होता है, तो यह इंग्रित करता है कि बाजार में खरीदार या विक्रेता सक्रिय हैं और ट्रेंड टिकाऊ होगा।

हाई वॉल्यूम पर ब्रेकआउट मजबूत बाजार सहभागिता दिखाता है, जिससे ब्रेकआउट अधिक विश्वसनीय और सतत माना जाता है।

कम वॉल्यूम पर ब्रेकआउट आमतौर पर कमजोर या फेक ब्रेकआउट हो सकता है, जिसका मतलब है कि कीमत वापस गिर सकती है या ट्रेंड जारी नहीं रह सकता।

ट्रेडर्स वॉल्यूम के आधार पर यह तय करते हैं कि ब्रेकआउट पर ट्रेडिंग करनी है या नहीं, क्योंकि वॉल्यूम बढ़ने पर ही स्टॉक की कीमत में स्थायी बदलाव की संभावना बढ़ती है।

वॉल्यूम के साथ-साथ प्राइस मूवमेंट की ताकत और अस्थिरता भी देखना जरूरी होता है ताकि ब्रेकआउट की पुष्टि हो सके।

तकनीकी इंडिकेटर्स जैसे OBV (On Balance Volume), VWAP (Volume Weighted Average Price), और MFI (Money Flow Index) वॉल्यूम के महत्व को समझने में मदद करते हैं।
Breakout ka value


संक्षेप में,

वॉल्यूम ब्रेकआउट को सशक्त बनाता है और ट्रेडर्स को ब्रेकआउट की वास्तविकता का भरोसा देता है, जिससे वे बेहतर ट्रेडिंग निर्णय ले पाते हैं.

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