शेयर मार्केट साइकिल और उसके फेज
शेयर मार्केट में एक मार्केट साइकिल समय के साथ बाजार के रुझानों, भावनाओं और गतिविधियों के बदलते पैटर्न को दर्शाता है। आमतौर पर मार्केट साइकिल में चार मुख्य फेज होते हैं, जिन्हें समझना निवेश के लिए बहुत जरूरी है:
1. संचयन चरण (Accumulation Phase)
यह फेज तब शुरू होता है जब बाजार लंबे समय की गिरावट या मंदी के बाद तल पर होता है।
अनुभवी और मूल्य निवेशक कम दाम में स्टॉक्स खरीदना शुरू करते हैं।
मार्केट सेंटिमेंट नकारात्मक से तटस्थ हो जाता है।
शेयर्स आम तौर पर सीमित दायरे में ट्रेड होते हैं.
2. मार्क-अप / उछाल चरण (Markup / Uptrend Phase)
बाजार में खरीदारी बढ़ जाती है और भाव ऊपर जाने लगते हैं।
अधिक निवेशक जुड़ते हैं, जिससे वॉल्यूम और प्राइस में उछाल आता है।
सेंटिमेंट तटस्थ से बुलिश (आशावादी) हो जाता है।
नए निवेशक भी बाजार में प्रवेश करने लगते हैं.
3. वितरण चरण (Distribution Phase)
बाजार ऊँचाई पर पहुंच जाता है, अब बड़े निवेशक अपनी पोजिशन बेचने लगते हैं।
मार्केट सेंटिमेंट मिश्रित (बुलिश और बेयरिश दोनों) रहता है।
ट्रेडिंग सीमित रेंज में होती है; आमतौर पर जल्द मंदी आने के पहले यह चरण रहता है।
यह फेज कुछ महीनों तक रह सकता है.
4. मार्क-डाउन / गिरावट चरण (Markdown / Downtrend Phase)
मांग घट जाती है, बिकवाली दबाव में शेयरों के भाव तेजी से नीचे गिरने लगते हैं।
निवेशक नुकसान उठाते हैं और पोजिशन से बाहर निकलने लगते हैं।
सेंटिमेंट सामान्यतः नेगेटिव हो जाता है।
यह फेज खत्म होते ही नया संचयन चरण शुरू हो सकता है.

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