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Leverage & Margin in share market

लीवरेज और मार्जिन: भारतीय शेयर बाजार में

लीवरेज क्या है?

लीवरेज (Leverage) शेयर बाजार में एक ऐसा तरीका है जिससे आप सीमित पूंजी से बड़ी ट्रेडिंग पोज़िशन ले सकते हैं। यानी, ब्रोकर आपको कुछ राशि उधार देता है जिससे आप अपनी कुल पूंजी से कहीं ज्यादा शेयर खरीद सकते हैं। उदाहरण के लिए, 5:1 लीवरेज का अर्थ है कि यदि आपके पास ₹1 लाख है, तो आप ₹5 लाख तक की पोज़िशन ले सकते हैं।

मार्जिन क्या है?

मार्जिन वह न्यूनतम राशि है, जो आपको अपने डीमैट खाते में जमा करनी होती है ताकि आप ट्रेड कर सकें या शेयर खरीद सके। यह ब्रोकर के लिए सुरक्षा जाल की तरह होता है। अगर आपके पास ₹1 लाख की ट्रेडिंग करनी है और मार्जिन 20% है, तो आपको ₹20,000 जमा करना होगा।

मार्जिन के प्रकार:

प्रारंभिक मार्जिन: ट्रेड शुरू करते समय दी जाने वाली अग्रिम राशि।

मेंटेनेंस मार्जिन: ट्रेडिंग पोज़िशन बनाए रखने के लिए जरूरी न्यूनतम राशि।

वेरिएशन मार्जिन: पोज़िशन मे प्राइस चेंज होने पर अतिरिक्त जमा राशि।

दोनों का संबंध और कार्यप्रणाली

जब आप मार्जिन अकाउंट खोलते हैं, आप ब्रोकरेज से उधार लेकर लीवरेज का फायदा उठा सकते हैं।

उदाहरण: यदि आपके पास ₹25,000 है और आपको ₹1 लाख के शेयर खरीदने हैं, तो 75% (₹75,000) आपका ब्रोकर देगा। अगर शेयर की कीमत बढ़ती है, तो आपको ज्यादा रिटर्न मिल सकता है लेकिन गिरने की स्थिति में नुकसान भी बढ़ सकता है।

लाभ और जोखिम

लाभ: कम पूंजी में ज्यादा कमाई की संभावना।

जोखिम: मार्केट डाउन होने पर आपके नुकसान भी बढ़ सकते हैं। अगर आपके खाते में आवश्यक मार्जिन नहीं रहा, तो ब्रोकर आपके शेयर बेच सकता है।
Leverage and Margin


कैसे करें इस्तेमाल?

ब्रोकर द्वारा उपलब्ध लीवरेज और मार्जिन की शर्तें जानें। जैसे Zerodha, Dhan आदि प्लेटफॉर्म्स विभिन्न स्टॉक्स पर 3x, 5x तक लीवरेज देते हैं।

मार्जिन ट्रेडिंग के लिए पर्याप्त कैश या सिक्योरिटी (मौजूदा शेयर) का उपयोग होता है।

मार्जिन कॉल आने पर तुरंत अतिरिक्त राशि जमा करें वरना होल्डिंग्स लिक्विड हो सकते हैं।

नोट: लीवरेज और मार्जिन का सही इस्तेमाल बड़ा मुनाफा दिला सकता है, पर समझदारी और सतर्कता बेहद जरूरी है।

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