स्टॉक मार्केट में "रिजिस्टेंस" क्या है?
रिजिस्टेंस की परिभाषा
रिजिस्टेंस (Resistance) को हिंदी में रुकावट, रोक या बाधा कहा जाता है। स्टॉक मार्केट में रिजिस्टेंस वह प्राइस स्तर (Price Level) है, जहाँ कोई स्टॉक या आस्ति (Asset) ऊपर बढ़ना बंद कर देती है और कीमत वहाँ रुककर वापस नीचे आने लगती है। यह ऐसा स्तर होता है, जहाँ बेचने वालों (Sellers) की संख्या बढ़ जाती है और खरीदारों (Buyers) की तुलना में विक्रेता अधिक हो जाते हैं, जिससे कीमत ऊपर नहीं जाती बल्कि गिरने लगती है।
रिजिस्टेंस कैसे काम करता है?
जब किसी स्टॉक की कीमत लगातार बढ़ रही हो और एक निश्चित स्तर पर बार-बार रुक कर वापस नीचे आ जाए — वो स्तर "रिजिस्टेंस" कहलाता है।
उस बिंदु पर ट्रेडर्स अधिकतम मुनाफा कमाने के लिए सेलिंग करने लगते हैं, जिससे सप्लाई (Supply) बढ़ जाती है और कीमत वहाँ रोक जाती है।
तकनीकी भाषा में, रिजिस्टेंस लेवल सीलिंग की तरह काम करता है, जिससे स्टॉक या आस्ति की ऊपर जाने की संभावना कम हो जाती है।
उदाहरण
मान लीजिए किसी स्टॉक की कीमत ₹100 से बढ़कर ₹120 तक जा रही है, लेकिन हर बार यह कीमत ₹120 के आसपास रुक जाती है और वापस गिरने लगती है। इस स्थिति में ₹120 का स्तर उस स्टॉक के लिए "रिजिस्टेंस" लेवल होगा.
रिजिस्टेंस की पहचान कैसे करें?
चार्ट पर पिछले ऐसे स्तर देखें जहाँ कीमत ऊपर जाने के बाद बार-बार रुक जाती है और नीचे आ जाती है।
ट्रेडर्स अक्सर उन स्तरों को लक्षित करते हैं जहाँ हर बार मुनाफा लेकर बिकवाली की जाती है।
रिजिस्टेंस का महत्व
यह ट्रेडर्स को एग्जिट (Exit) पॉइंट चुनने में मदद करता है — मतलब मुनाफा लॉक करने की सही जगह।
अगर स्टॉक किसी मजबूत रिजिस्टेंस को ब्रेक कर दे, तो उसमें तेज़ बढ़त (Break Out) देखने को मिल सकती है।
कैसे काम आता है?
ट्रेडर्स रणनीति बनाते हैं कि जब तक कीमत रिजिस्टेंस से ऊपर नहीं जाती, तब तक खरीदारी ना करें।
प्रोफेशनल्स इसी जानकारी के आधार पर स्टॉक खरीदना या बेचना तय करते हैं।
मनोविज्ञान
रिजिस्टेंस के पीछे स्टॉक मार्केट के प्रतिभागियों की भावनाएँ और निर्णय (Sentiments & Decisions) काम करते हैं। जब कीमत रिजिस्टेंस तक पहुँचती है, विक्रेता के आत्मविश्वास से सेलिंग बढ़ जाती है, जिससे कीमत रुक जाती है या रिवर्स हो जाती है.
संक्षेप में:
रिजिस्टेंस वह स्तर है जो स्टॉक की कीमत को ऊपर जाने से रोकता है, यहाँ विक्रेताओं का दबाव बढ़ता है और कीमत गिरने लगती है। ट्रेडिंग में इसका प्रयोग एग्जिट पॉइंट और रणनीति बनाने के लिए किया जाता है।
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