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March me Lagaye Jane wale vegetable

मार्च में लगाए जाने वाले सब्ज़ियों की खास जानकारी

March me Lagaye Jane wale vegetables
March me grow krne wali sabji 

भारत में मार्च का महीना मौसम परिवर्तन का समय होता है। इस समय सर्दी का पूरी तरह से अंत और गर्मी की शुरुआत हो जाती है। तापमान बढ़ने लगता है और दिन लंबे होने लगते हैं। ऐसे में किसानों और बागवानी प्रेमियों के लिए यह सही समय है कि वे नई फसलें बोने का Plan बनाएं। आइए जानते हैं मार्च में कौन-कौन सी सब्जियाँ लगाई जा सकती हैं, उनके बुवाई के तरीके और देखभाल के उपाय।


भिंडी (Okra)


भिंडी गर्म मौसम की फसल है और मार्च इस फसल की बुवाई के लिए आदर्श समय है।

मिट्टी: हल्की रेतीली दोमट मिट्टी जिसमें जल निकास अच्छा हो।

बुवाई: कतारों में 30-40 सेमी की दूरी पर करें।

बीज उपचार: फफूंदनाशक से उपचारित करें ताकि बीज जनित रोगों से बचाव हो।

सिंचाई: 5-7 दिन के अंतराल पर करें।

फसल अवधि: 50-60 दिन।

विशेष ध्यान: भिंडी में फल आते ही तुड़ाई करते रहें ताकि पौधे अधिक समय तक फल दे सकें।



खीरा (Cucumber)


गर्मी की फसलों में खीरा प्रमुख है। मार्च माह इसकी बुवाई के लिए उत्तम है।

मिट्टी: उपजाऊ, अच्छी जल निकासी वाली दोमट मिट्टी।

बुवाई: पौधों के बीच 60-90 सेमी की दूरी रखें।

सिंचाई: नमी बनाए रखें लेकिन जलजमाव से बचें।

फसल अवधि: 45-50 दिन।

टिप: बेलों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह दें।


लौकी (Bottle Gourd)


लौकी गर्मी में खूब पनपती है और मार्च से इसकी बुवाई शुरू हो जाती है।

मिट्टी: गहरी, उपजाऊ मिट्टी।

बुवाई: 1-2 बीज एक गड्ढे में बोएं और गड्ढों के बीच 1.5 मीटर की दूरी रखें।

सिंचाई: हल्की सिंचाई नियमित रूप से करें।

फसल अवधि: 60-70 दिन।

विशेष ध्यान: बेलों को मचान पर चढ़ाना चाहिए।


तरबूज (Watermelon)


मार्च में तरबूज की बुवाई करने से मई-जून में फल तैयार हो जाते हैं।मिट्टी: रेतीली दोमट मिट्टी उत्तम रहती है।

बुवाई: बीजों को 2-3 सेमी गहराई पर बोएं।

सिंचाई: कम लेकिन गहरी सिंचाई करें।

फसल अवधि: 75-90 दिन।

टिप: रोग नियंत्रण के लिए समय-समय पर जैविक स्प्रे करें।


कद्दू (Pumpkin)


कद्दू की बुवाई भी मार्च में की जाती है ताकि फसल गर्मियों में तैयार हो।

मिट्टी: उपजाऊ और नमी बनाए रखने वाली।

बुवाई: पौधों के बीच 1.5-2 मीटर की दूरी रखें।

सिंचाई: नियमित लेकिन अधिक पानी से बचें।

फसल अवधि: 90-100 दिन।

कद्दू के बेलों को फैलने के लिए पर्याप्त जगह दें।



गिलकी (Ridge Gourd)


गिलकी गर्मी की सब्जी है जिसे मार्च में बोया जाता है।

मिट्टी: भुरभुरी और उपजाऊ।

बुवाई: गड्ढों या क्यारियों में करें।

सिंचाई: 5-6 दिन पर हल्की सिंचाई करें।

फसल अवधि: 55-65 दिन।

बेल को ऊपर चढ़ाने के लिए सहारा दें।


करेला (Bitter Gourd)


करेला स्वास्थ्य के लिए बेहद लाभकारी सब्जी है जिसे मार्च में बोया जा सकता है।

मिट्टी: हल्की रेतीली मिट्टी।

बुवाई: बीजों को भिगोकर अंकुरित करने के बाद बोएं।

सिंचाई: मृदु सिंचाई करें।

फसल अवधि: 70-80 दिन।

बेलों के फैलाव के लिए मचान पद्धति अपनाएँ।



मिर्च (Chilli)


मार्च में गर्मी की फसल के लिए मिर्च की रोपाई की जाती है।

मिट्टी: भुरभुरी, अच्छी जल निकासी वाली।

बुवाई: 30-45 सेमी की दूरी पर पौधे लगाएं।

सिंचाई: सप्ताह में एक बार।

फसल अवधि: 80-90 दिन।

रोग और कीट प्रबंधन का विशेष ध्यान दें।


बैंगन (Brinjal)


बैंगन एक बहुपयोगी सब्जी है जिसे गर्मी में भी उगाया जा सकता है।

मिट्टी: उपजाऊ दोमट मिट्टी।

बुवाई: पौध तैयार कर रोपाई करें।

सिंचाई: 5-7 दिन के अंतराल पर।

फसल अवधि: 90-120 दिन।

विशेष: फूलों के समय ज्यादा पानी न दें।


पालक (Spinach)


हालाँकि पालक ठंडी जलवायु पसंद करता है, लेकिन मार्च में भी सीमित मात्रा में उगाया जा सकता है।

मिट्टी: उपजाऊ, नमी युक्त।

बुवाई: सीधे बीज बोएं।

सिंचाई: नमी बनाए रखें।

फसल अवधि: 30-40 दिन।

विशेष ध्यान: समय-समय पर पत्तों की कटाई करें।


मार्च में खेती के कुछ जरूरी सुझाव:


मिट्टी की तैयारी: बुवाई से पहले खेत को अच्छी तरह से जोतकर समतल करें और गोबर की खाद या कम्पोस्ट डालें।


सही समय पर बुवाई: मार्च में तापमान बढ़ने लगता है, इसलिए समय से बुवाई करें ताकि पौधे अच्छी तरह से जड़ें जमा सकें।


सिंचाई प्रबंधन: गर्मी की शुरुआत होने के कारण नमी बनाए रखना जरूरी है। ड्रिप सिंचाई तकनीक भी अपनाई जा सकती है।


खरपतवार नियंत्रण: समय-समय पर खेत में खरपतवार निकालते रहें ताकि पौधों को पोषक तत्वों की प्रतिस्पर्धा न करनी पड़े।


रोग और कीट नियंत्रण: जैविक उपायों जैसे नीम तेल का छिड़काव करें। जरूरत पड़ने पर रसायनों का सीमित उपयोग करें।


उर्वरक प्रबंधन: फसल की जरूरत के अनुसार नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश की सही मात्रा दें।



निष्कर्ष


मार्च का महीना बागवानी और खेती के लिए अत्यंत उपयुक्त है। इस समय यदि सही सब्जियों का चयन किया जाए और उचित कृषि तकनीकों का पालन किया जाए, तो उच्च गुणवत्ता की फसल प्राप्त की जा सकती है। ध्यान रखें कि पौधों की देखभाल समय पर करना, उचित जल प्रबंधन, और कीट नियंत्रण खेती की सफलता की कुंजी हैं। मार्च में लगाए जाने वाली सब्जियाँ न केवल घर की रसोई को ताजगी प्रदान करती हैं, बल्कि आय का भी अच्छा स्रोत बन सकती हैं।

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