मई महीने में लगाई जाने वाली सब्जियाँ और लगाने का तरीका
भारत में मई का महीना गर्मी के चरम का समय होता है। इस दौरान तापमान बहुत अधिक रहता है, लेकिन फिर भी कुछ खास किस्म की सब्जियाँ इस मौसम में बोई जा सकती हैं। यदि सही तरीके से बीज बोए जाएं और देखभाल की जाए तो अच्छी फसल प्राप्त की जा सकती है। आइये जानते हैं मई माह में लगाई जाने वाली सब्जियाँ और उनके रोपण की विधि:
मई महीने में लगाई जाने वाली प्रमुख सब्जियाँ:
लोकी (Bottle Gourd)
तोरई (Ridge Gourd)
कद्दू (Pumpkin)
भिंडी (Lady Finger/Okra)
खीरा (Cucumber)
परवल (Pointed Gourd)
करेला (Bitter Gourd)
बैंगन (Brinjal/Eggplant)
मिर्च (Chili)
टमाटर (Tomato)
सब्जियाँ लगाने का सही तरीका
1. मिट्टी की तैयारी
सबसे पहले खेत या गमले की मिट्टी को अच्छी तरह से तैयार करें।
मिट्टी को भुरभुरी बनाना जरूरी है ताकि पानी का निकास अच्छा हो और जड़ों को सही ऑक्सीजन मिल सके।
15-20 दिन पहले खेत को अच्छी तरह जोतकर उसमें गोबर की सड़ी हुई खाद मिलाएं।
मिट्टी का पीएच मान 6 से 7.5 के बीच होना सबसे उत्तम माना जाता है।
2. बीज का चुनाव और तैयारी
हमेशा अच्छी गुणवत्ता और उन्नत किस्म के बीज का ही चयन करें।
बीजों को बुवाई से पहले 12-24 घंटे तक पानी में भिगो दें, इससे अंकुरण तेजी से होता है।
कुछ बीजों को रोगों से बचाने के लिए फफूंदनाशक दवाओं से उपचारित भी किया जाता है।
3. बुवाई का समय और विधि
मई में बीज सुबह के समय या शाम को ठंडक में बोने चाहिए।
बीजों को उचित दूरी पर बोना जरूरी है ताकि पौधे ठीक से विकसित हो सकें।
बीजों को 2-3 सेमी गहराई तक मिट्टी में दबाएँ।
बोने के बाद हल्की सिंचाई अवश्य करें ताकि मिट्टी में नमी बनी रहे।
4. सिंचाई (Watering)
गर्मी के मौसम में नियमित सिंचाई अत्यंत आवश्यक है।
प्रारंभ में हर दूसरे दिन हल्की सिंचाई करें।
पौधे बड़े होने पर 3-4 दिन के अंतराल पर सिंचाई करें।
ध्यान रखें, पानी जमा न हो, अन्यथा जड़ सड़ सकती है।
5. खाद एवं उर्वरक प्रबंधन
बुवाई के समय गोबर की खाद अच्छी मात्रा में दें।
विकास के समय नाइट्रोजन, फास्फोरस और पोटाश वाली उर्वरक दें।
30 दिन बाद टॉप ड्रेसिंग (मिट्टी के ऊपर से खाद डालना) करें।
प्राकृतिक खाद का उपयोग करना हमेशा बेहतर होता है। जैसे: गोबर की खाद,वर्मीकम्पोस्ट,नीम खली
6. निराई-गुड़ाई (Weeding and Hoeing)
हर 15-20 दिन में एक बार खेत की निराई-गुड़ाई करें।
इससे मिट्टी में ऑक्सीजन का संचार होता है और जड़ें स्वस्थ रहती हैं।
खरपतवार हटाने से पौधों को अधिक पोषक तत्व मिलते हैं।
7. रोग एवं कीट नियंत्रण
गर्मी के कारण पौधों में फफूंदी, कीड़े, बैक्टीरियल रोग आदि लग सकते हैं।
नीम तेल का छिड़काव एक प्राकृतिक कीटनाशक का काम करता है।
समय-समय पर जैविक या रासायनिक दवाइयों का स्प्रे करें।
रोग लगने पर तुरंत प्रभावित पौधों को हटाकर नष्ट कर दें।
8. फसल कटाई (Harvesting)
बीज बोने के 45-70 दिन के भीतर अधिकतर सब्जियाँ तैयार हो जाती हैं।
भिंडी, खीरा और तोरई जैसी सब्जियाँ जल्दी-जल्दी तोड़नी चाहिए ताकि नई फलियाँ आती रहें।
कद्दू, करेला, लोकी को भी समय पर तोड़ना जरूरी है, वरना वे ज्यादा सख्त हो सकते हैं।
मई में खेती करते समय विशेष सावधानियाँ
दोपहर के समय खेती कार्य करने से बचें, ताकि हीट स्ट्रोक से बचा जा सके।
पौधों को सीधी धूप से बचाने के लिए शेड नेट या घास की छाव कर सकते हैं।
अधिक गर्मी में मिट्टी को ढकने (मल्चिंग) से नमी बनी रहती है।
जैविक तरीकों का उपयोग कर उत्पादन को प्राकृतिक और स्वास्थ्यवर्धक बनाएं।
निष्कर्ष
मई महीने में गर्मी ज्यादा होती है, परंतु यदि सावधानीपूर्वक बीज का चुनाव, मिट्टी की तैयारी, सिंचाई और पौधों की देखभाल की जाए तो बहुत अच्छी सब्जियाँ उगाई जा सकती हैं। सही तकनीक और मेहनत से किसान या घर के बागवानी प्रेमी ताजा, हरी और स्वास्थ्यवर्धक सब्जियाँ प्राप्त कर सकते हैं। अपने खुद के उगाए हुए फल-सब्जी खाने का आनंद भी कुछ अलग ही होता है!

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