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What is sahasrara chakra full details

सहस्रार चक्र (Sahasrara Chakra) को हिंदी में "सहस्रार चक्र" या "सातवां चक्र" कहा जाता है। यह हमारे शरीर का अंतिम और सबसे उच्चतम ऊर्जा केंद्र होता है, जो आत्मज्ञान, ब्रह्मज्ञान और परम शांति का प्रतीक है।

Sahasrara Chakra
About Sahasrara Chakra 


🌸 सहस्रार चक्र की संपूर्ण जानकारी (Full Details in Hindi):


🔹 1. नाम और स्थान:

संस्कृत नाम: सहस्रार (Sahasrāra) का अर्थ है "हजार पंखुड़ियों वाला कमल"

स्थान: सिर के बिल्कुल ऊपर, सिरमौर (Crown) पर स्थित होता है। इसे "मस्तक चक्र" भी कहा जाता है।


🔹 2. रंग (Color):

बैंगनी (Violet) या सफेद (White Light) — ब्रह्मांडीय ऊर्जा का प्रतीक।


🔹 3. तत्व (Element):

इसका कोई भौतिक तत्त्व नहीं होता — यह चेतना (Pure Consciousness) से जुड़ा है।


🔹 4. बीज मंत्र (Beej Mantra):

सहस्रार चक्र का कोई पारंपरिक बीज मंत्र नहीं है, लेकिन "ॐ" और "साइलेंस (Silence)" को इसकी ध्वनि माना गया है।

कुछ परंपराएं "सो'हं (Soham)" मंत्र का उपयोग करती हैं।


🔹 5. प्रतिनिधि ग्रंथि (Gland):

पिट्यूटरी ग्रंथि (Pituitary Gland) — जो शरीर की बाकी ग्रंथियों को नियंत्रित करती है।


🔹 6. गुण और शक्तियाँ:

जब सहस्रार चक्र सक्रिय या जाग्रत होता है:

व्यक्ति को आत्मज्ञान (Self-realization) होता है

ब्रह्म से एकत्व का अनुभव होता है

असीम आंतरिक शांति और आनंद (Bliss) की अनुभूति होती है

मुक्ति (Liberation / Moksha) की ओर अग्रसर होता है


🔹 7. संतुलन की स्थिति (Balanced Sahasrara Chakra):

आध्यात्मिक जागरूकता

ब्रह्मांड के साथ गहरा संबंध

मानसिक स्पष्टता और पूर्ण ध्यान

घृणा, भय और मोह से मुक्ति


🔹 8. असंतुलन या ब्लॉकेज के लक्षण:

आध्यात्मिक भ्रम

जीवन में उद्देश्य की कमी

मानसिक ऊहापोह, डिप्रेशन

शरीर से कटाव या निराशा की भावना


🧘‍♂️ सहस्रार चक्र जागरण की साधना (Activation Meditation):

1. बैठने की विधि:

पद्मासन या सुखासन में बैठें

रीढ़ सीधी हो, आंखें बंद

2. ध्यान और श्वास:

गहरी सांस लें और छोड़ें (3-5 बार)

अपना ध्यान सिर के ऊपर केंद्रित करें

3. कल्पना करें:

सिर के ऊपर एक हजार पंखुड़ियों वाला कमल खुल रहा है

वहां से सफेद या बैंगनी प्रकाश नीचे बह रहा है

4. मंत्र जप:

ॐ (Om) या "सो'हं" मंत्र का जप करें

जप के साथ प्रकाश में एकता का अनुभव करें

5. मौन में ध्यान (Silence):

मंत्र के बाद 5-10 मिनट मौन ध्यान करें

कोई विचार आए तो उसे शांत भाव से देखें


📿 सहायक उपाय (Supportive Practices):

सात्विक और हल्का भोजन

ब्रह्म मुहूर्त में ध्यान

प्राकृतिक स्थानों पर समय बिताना

सफेद या बैंगनी रंग पहनना/देखना


📅 अभ्यास की अवधि:

रोज़ाना 10-20 मिनट का अभ्यास

21-40 दिन के नियमित ध्यान से गहरा बदलाव


🌌 सहस्रार चक्र का अंतिम लक्ष्य:

सहस्रार चक्र की जागृति ही परम आत्मसाक्षात्कार है। यही मोक्ष, समाधि और ब्रह्म से मिलन का मार्ग है।”



🧘‍♂️ सहस्रार चक्र जागरण की साधना विधि (Sahasrara Chakra Activation Meditation)



🔹 समय और स्थान:


समय: सुबह ब्रह्म मुहूर्त (4–6 AM) सबसे श्रेष्ठ है।


स्थान: शांत, पवित्र और साफ वातावरण


आप चाहें तो धूप/अगरबत्ती/दीपक जलाकर वातावरण को ऊर्जावान बना सकते हैं।



🌼 चरण 1: आसन और स्थिति


सुखासन, पद्मासन या सिद्धासन में बैठें


आंखें बंद करें, रीढ़ बिल्कुल सीधी रखें


हाथों को ज्ञान मुद्रा में रखें (अंगूठा और तर्जनी एक साथ)



🌬️ चरण 2: श्वास नियंत्रण (Pranayama) गहरी सांस लें – 4 सेकंड


रोकें – 4 सेकंड


धीरे-धीरे छोड़ें – 6 सेकंड


यह प्रक्रिया 5 बार करें




🧠 चरण 3: ध्यान बिंदु (Focus Point)


अपने ध्यान को सिर के ऊपर, सिरमौर (Crown) पर ले जाएं


कल्पना करें कि वहां हजार पंखुड़ियों वाला कमल धीरे-धीरे खुल रहा है



🔔 चरण 4: मंत्र जप (Mantra Chanting)


"ॐ" या "सोऽहं" मंत्र का जप करें



ॐ का उच्चारण ऐसे करें:


ॐ = आ—ऊ—म (धीरे-धीरे, कंपन के साथ)


> "ॐmmmmmmm..." — इसका कंपन सिर के ऊपर महसूस करने की कोशिश करें।




21 बार या 108 बार जप करें (जपमाला से करें तो और अच्छा)




🌌 चरण 5: प्रकाश ध्यान (Light Visualization)


कल्पना करें कि सहस्रार से एक दिव्य सफेद या बैंगनी प्रकाश आकाश से आपके शरीर में प्रवाहित हो रहा है


वह प्रकाश आपके पूरे शरीर को भर रहा है


आपको शांति, ऊर्जा और आनंद की अनुभूति हो रही है



🔇 चरण 6: मौन ध्यान (Silent Awareness)


मंत्र जप के बाद 5 से 10 मिनट बिल्कुल शांत बैठें


कोई विचार आए तो उन्हें बिना प्रतिक्रिया के जाने दें


प्रकाश और चेतना में डूब जाएं



🙏 चरण 7: समापन (Closing the Practice)


तीन गहरी सांस लें


ईश्वर/गुरु/ब्रह्मांड के प्रति आभार व्यक्त करें


धीरे से आंखें खोलें



नियमितता और धैर्य:



प्रतिदिन यह साधना करें, कम से कम 21 दिन तक


परिणाम धीरे-धीरे अनुभव होंगे — जैसे:


आत्मिक शांति


नींद में सुधार


चिंता में कमी


उद्देश्य और दिशा की अनुभूति



🕉️ सहायक तत्व:


उपाय विवरण


सात्विक भोजन हल्का, शुद्ध भोजन

मौन व्रत हफ्ते में एक दिन 2-3 घंटे का मौन

संगीत 963 Hz या सहस्रार चक्र ध्यान संगीत

क्रिस्टल क्लियर क्वार्ट्ज (Clear Quartz) या एमथिस्ट (Amethyst)

रंग बैंगनी या सफेद वस्त्र, कमरे में हल्का बैंगनी रंग



🌟 विशेष मंत्र:


"सोऽहं" (Soham) — इसका अर्थ है "मैं वही हूं" यानी आत्मा और परमात्मा एक हैं।


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