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1 January ko konsa divas hai

1 जनवरी का विशेष महत्व
1 जनवरी का दिन पूरे विश्व में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। यह नए वर्ष का पहला दिन है, और कई ऐतिहासिक घटनाओं और सांस्कृतिक कार्यक्रमों से भी जुड़ा हुआ है। भारत और अन्य देशों में इस दिन को अलग-अलग तरीकों से मनाया जाता है। जानें 1 जनवरी से जुड़ी प्रमुख बातें।

नववर्ष दिवस (New Year’s Day)

1 जनवरी को सबसे प्रमुख रूप से नववर्ष दिवस के रूप में मनाया जाता है। यह दिन नए साल की शुरुआत का प्रतीक है और नई उमंगों, नई आशाओं तथा नए संकल्पों के साथ स्वागत किया जाता है। दुनिया भर में लोग इस दिन को जश्न, पार्टियों, परेड और विभिन्न सांस्कृतिक आयोजनों के साथ मनाते हैं। रात 12 बजे जैसे ही नया साल शुरू होता है, आतिशबाजी, गीत-संगीत और बधाइयों का दौर चलता है।

भारत में भी नववर्ष का स्वागत बड़े ही हर्षोल्लास के साथ होता है। लोग अपने घरों को सजाते हैं, मिठाइयाँ बाँटते हैं और एक-दूसरे को शुभकामनाएँ देते हैं। बड़े शहरों में विशेष कार्यक्रम, संगीत के आयोजन और रोशनी से जगमगाते स्थान देखने को मिलते हैं।

1 जनवरी का नववर्ष दिवस एक नई शुरुआत, आत्मनिरीक्षण और व्यक्तिगत विकास का अवसर प्रदान करता है। इस दिन लोग नए लक्ष्य बनाते हैं, नई आदतें अपनाने का संकल्प लेते हैं और अपने जीवन को बेहतर बनाने की दिशा में कदम बढ़ाते हैं।

D.R.D.O दिवस

रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (DRDO) का स्थापना दिवस हर साल 1 जनवरी को मनाया जाता है। यह दिन DRDO के गठन की वर्षगांठ के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य भारत को रक्षा क्षेत्र में तकनीकी और वैज्ञानिक रूप से आत्मनिर्भर बनाना है। DRDO की स्थापना 1 जनवरी 1958 को हुई थी।

हाल ही में, 1 जनवरी को DRDO का 67वां स्थापना दिवस मनाया गया, जिसमें भारत के मिसाइल मैन और पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम को श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दिन DRDO की प्रमुख उपलब्धियों, नई तकनीकों और रक्षा प्रणालियों पर प्रकाश डाला जाता है और वैज्ञानिकों एवं कर्मचारियों को सम्मानित किया जाता है.

संक्षेप में:
DRDO स्थापना दिवस: 1 जनवरी
स्थापना वर्ष: 1958

उद्देश्य: 

भारतीय सशस्त्र बलों को आधुनिक हथियार प्रणालियों से लैस करना और आत्मनिर्भर बनाना
हाल का स्थापना दिवस: 67वां (1 जनवरी 2025)
डॉ. ए.पी.जे. अब्दुल कलाम का योगदान भी इस दिन याद किया जाता है


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