1. नेता जी सुभाष चंद्र बोस की जयंती (23 जनवरी)
हालांकि सुभाष चंद्र बोस जी की जयंती 23 जनवरी को होती है, लेकिन कई बार 22 जनवरी से ही उनके जीवन और विचारों पर आधारित कार्यक्रमों की शुरुआत हो जाती है। भारत में उन्हें "नेता जी" के नाम से जाना जाता है और वह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के महानायक माने जाते हैं।
उनका जन्म:
23 जनवरी 1897 को कटक (ओडिशा) में हुआ था।
वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के अध्यक्ष भी रहे और बाद में 'आजाद हिंद फौज' की स्थापना की।
उनका योगदान:
उन्होंने “तुम मुझे खून दो, मैं तुम्हें आज़ादी दूंगा” जैसा प्रेरणादायक नारा दिया।
वे एक सशस्त्र क्रांति के पक्षधर थे और गांधी जी की अहिंसा नीति से कुछ हद तक असहमत थे।
2. धार्मिक महत्व: वैष्णव संप्रदाय में विशेष पूजा
22 जनवरी को कई बार हिंदू पंचांग के अनुसार कुछ विशेष धार्मिक अवसर भी पड़ते हैं, जैसे एकादशी, द्वादशी या किसी प्रमुख व्रत की तिथि। विशेष रूप से दक्षिण भारत और वैष्णव परंपरा में भगवान विष्णु की विशेष पूजा होती है। यदि यह दिन पौष शुक्ल पक्ष में आता है तो यह 'पौष पूर्णिमा' या 'विवाह पंचमी' जैसे उत्सवों के निकट हो सकता है।
3. शहीद दिवस (कुछ राज्यों में)
भारत के कुछ हिस्सों में 22 जनवरी को स्थानीय स्वतंत्रता सेनानियों की स्मृति में ‘शहीद दिवस’ के रूप में मनाया जाता है। विशेष रूप से स्कूलों और कॉलेजों में इस दिन पर भाषण, नाटक, और अन्य सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं ताकि युवा पीढ़ी को देशभक्ति की प्रेरणा मिल सके।
4. समाचारों में प्रमुखता से चर्चा: राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा (2024)
सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि 22 जनवरी 2024 को भारत में अयोध्या में श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में भगवान श्रीराम की मूर्ति की 'प्राण प्रतिष्ठा' संपन्न हुई थी। यह दिन इतिहास के पन्नों में स्वर्ण अक्षरों में लिखा गया, क्योंकि:
यह मंदिर हिंदू आस्था का केंद्र है और वर्षों से विवाद में रहा था।
सुप्रीम कोर्ट के 2019 के निर्णय के बाद मंदिर निर्माण की राह खुली।
22 जनवरी 2024 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में श्रीराम की मूर्ति की प्राण-प्रतिष्ठा की गई।
देशभर में इसे दीपोत्सव की तरह मनाया गया, हर राज्य में मंदिरों में दीप जलाए गए।
इसे हिंदू संस्कृति और सभ्यता के पुनर्जागरण के रूप में देखा गया।
इस ऐतिहासिक घटना ने 22 जनवरी को एक नया धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व प्रदान किया है।
5. विश्व स्तर पर अन्य दिवस
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 22 जनवरी को कोई विशेष संयुक्त राष्ट्र द्वारा घोषित दिन नहीं है, लेकिन विभिन्न देशों में यह दिन अलग-अलग कारणों से महत्व रखता है। कुछ स्थानों पर यह ऐतिहासिक घटनाओं या प्रसिद्ध हस्तियों की याद में मनाया जाता है।
6. इतिहास में 22 जनवरी की प्रमुख घटनाएं (भारत और विश्व में)
भारत में:
22 जनवरी 2006 को कांची कामकोटि पीठ के शंकराचार्य जयेंद्र सरस्वती को जमानत मिली थी, जो एक प्रमुख समाचार बना।
कई राज्यों में इस दिन विधानसभा सत्र की शुरुआत या महत्वपूर्ण विधेयकों की घोषणा होती रही है।
विश्व में:
1905: रूस में ब्लडी संडे की घटना हुई, जब शांतिपूर्ण प्रदर्शनकारियों पर गोली चलाई गई।
1970: बोइंग 747 विमान की पहली व्यावसायिक उड़ान पैन एम द्वारा न्यूयॉर्क से लंदन तक की गई।
7. इस दिन जन्मे और निधन हुए प्रमुख व्यक्ति
जन्म:
कुछ वर्षों में 22 जनवरी को भारत और विश्व के कई महान लोगों का जन्म हुआ है।
इनमें साहित्य, राजनीति और कला के क्षेत्र की हस्तियां शामिल हैं।
निधन:
कई स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों की पुण्यतिथि भी इस दिन आती है, जिन्हें स्थानीय स्तर पर स्मरण किया जाता है।
निष्कर्ष
22 जनवरी को भारत में कई धार्मिक, ऐतिहासिक और सामाजिक दृष्टि से विशेष रूप से मनाया जाता है। विशेषकर 2024 से यह दिन अयोध्या राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा के कारण और अधिक महत्वपूर्ण बन गया है। इस दिन को अब आने वाले वर्षों में धार्मिक पर्व के रूप में भी मनाया जाएगा। साथ ही, यह दिन हमें यह भी याद दिलाता है कि इतिहास, धर्म और समाज किस प्रकार मिलकर एक दिन को विशेष बना सकते हैं।
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