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7 January ko konsa divas hai

'अंतरराष्ट्रीय प्राच्यविद्या दिवस' (International Programmers Day) और भारतीय सन्दर्भ में कुछ महत्वपूर्ण घटनाओं के लिए जाना जाता है। इस लेख में हम 7 जनवरी के इतिहास, उस दिन मनाए जाने वाले दिवसों, महत्त्वपूर्ण घटनाओं, जन्म और मृत्यु दिवसों के बारे में
1. अंतरराष्ट्रीय प्राच्यविद्या दिवस (International Orientalism Day)

7 जनवरी को विश्व स्तर पर प्राच्यविद्या यानी ओरिएंटलिज्म से जुड़े विद्वानों और उनके योगदान को याद किया जाता है। प्राच्यविद्या वह क्षेत्र है जो एशिया की भाषाओं, संस्कृतियों, धर्मों, इतिहास और कला का अध्ययन करता है। इस दिन को उन विद्वानों को समर्पित किया जाता है जिन्होंने भारत, चीन, जापान, अरब, फारस आदि की सभ्यताओं के अध्ययन में योगदान दिया।

उद्देश्य:

पूर्वी देशों की सांस्कृतिक विरासत को संरक्षित करना।

विश्व को एशिया की गहराई और विविधता से अवगत कराना।

विद्वानों और अनुसंधानकर्ताओं को सम्मान देना।

भारत में महत्व:

भारत एक समृद्ध सांस्कृतिक और भाषाई परंपरा वाला देश है। संस्कृत, तमिल, पाली, प्राकृत जैसी भाषाएं और वेद, उपनिषद, बौद्ध साहित्य आदि प्राच्यविद्या का मूल आधार हैं। भारतीय विश्वविद्यालयों और संस्थानों में प्राच्यविद्या विभाग विशेष रूप से कार्यरत हैं।


2. ऐतिहासिक घटनाएँ (7 जनवरी को घटी महत्त्वपूर्ण घटनाएँ)

7 जनवरी को भारत और विश्व इतिहास में कई महत्वपूर्ण घटनाएँ हुईं, जिनका राजनीतिक, सामाजिक और सांस्कृतिक प्रभाव रहा है:

भारत से जुड़ी घटनाएं:

1955 – भारत सरकार द्वारा भारतीय विज्ञान कांग्रेस के अधिवेशन का उद्घाटन किया गया, जिसमें विज्ञान और तकनीक के क्षेत्र में भारत की प्रगति को दर्शाया गया।

2019 – भारत ने गगनयान मिशन की योजना को अंतिम रूप दिया, जो भारत का पहला मानव अंतरिक्ष मिशन है।

विश्व की घटनाएं:

1610 – प्रसिद्ध खगोलशास्त्री गैलीलियो ने बृहस्पति ग्रह के चार चंद्रमाओं की खोज की थी, जिसे आधुनिक खगोलशास्त्र की दिशा में एक क्रांतिकारी खोज माना जाता है।

1789 – अमेरिका में पहले राष्ट्रपति चुनाव हुए थे, जिसमें जॉर्ज वाशिंगटन को चुना गया।


3. जन्मदिवस (7 जनवरी को जन्मे प्रसिद्ध व्यक्ति)

इस दिन कई महान व्यक्तित्वों का जन्म हुआ, जिनका योगदान अपने-अपने क्षेत्रों में अद्वितीय रहा है:

भारत में:

जॉनी लीवर (1957) – प्रसिद्ध हास्य अभिनेता, जिन्होंने हिंदी सिनेमा में हास्य को नई पहचान दी। उन्होंने सैकड़ों फिल्मों में अभिनय किया और उन्हें उनके संवाद अदायगी के लिए जाना जाता है।

सुप्रिया पाठक (1961) – प्रसिद्ध अभिनेत्री, जिन्होंने रंगमंच, टेलीविजन और फिल्मों में अपनी अभिनय कला का लोहा मनवाया।

विश्व में:

निकोलस केज (1964) – हॉलीवुड के विख्यात अभिनेता, जो अपनी विशिष्ट अभिनय शैली के लिए प्रसिद्ध हैं।

जर्मन खगोलशास्त्री जोहान बेयर (1572) – इन्होंने कई नक्षत्रों की पहचान की और खगोलशास्त्र को एक नई दिशा दी।


4. पुण्यतिथि (7 जनवरी को निधन हुए महान व्यक्ति)

भारत में:

राजेश खन्ना (2012) – हालांकि उनकी मृत्यु जुलाई में हुई थी, लेकिन 7 जनवरी को उन्हें एक विशेष श्रद्धांजलि दिवस के रूप में याद किया जाता है, विशेषकर उनके जन्म के आस-पास के आयोजनों में।

विश्व में:

एम्परर हेइली सेलासी (1975) – इथियोपिया के सम्राट, जिन्हें अफ्रीकी एकता का प्रतीक माना जाता है। वे रस्ताफ़ेरियन मूवमेंट के लिए एक महान प्रेरणा बने।


5. धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व

भारत में जनवरी माह धार्मिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण होता है। मकर संक्रांति के नजदीक होने के कारण 7 जनवरी से कई स्थानों पर धार्मिक मेले और उत्सव शुरू हो जाते हैं। विशेषकर उत्तर भारत में यह समय पवित्र गंगा स्नान और भागवत कथा के लिए उपयुक्त माना जाता है।

6. समसामयिक महत्व

आज के समय में 7 जनवरी को तकनीकी संस्थान और विश्वविद्यालय प्राच्यविद्या, सांस्कृतिक विरासत, और भारतीय ज्ञान परंपरा को लेकर सेमिनार और वेबिनार का आयोजन करते हैं। यह दिन शिक्षण संस्थानों में भाषाई अध्ययन और ऐतिहासिक शोध की दिशा में प्रेरणा देने का कार्य करता है।


निष्कर्ष

7 जनवरी एक ऐसा दिन है जो इतिहास, संस्कृति, विज्ञान और साहित्य से जुड़े कई आयामों को समेटे हुए है। यह न केवल अतीत की गौरवपूर्ण घटनाओं और व्यक्तित्वों को याद करने का अवसर है, बल्कि वर्तमान में उनसे प्रेरणा लेकर आगे बढ़ने की प्रेरणा भी देता है। चाहे वह अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्राच्यविद्या दिवस हो या भारत में जन्मे कलाकारों और वैज्ञानिकों की उपलब्धियां, यह दिन विविधता और समृद्धि का प्रतीक है। हमें चाहिए कि हम ऐसे दिवसों की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्ता को समझें और नई पीढ़ी को इसके प्रति जागरूक करें।

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