🧘♂️ शवासन कैसे करें ?
✅ तैयारी:
शांत, हवादार और साफ स्थान चुनें।
एक योगा मैट या चादर बिछा लें।
ढीले और आरामदायक कपड़े पहनें।
🪷 स्टेप-बाय-स्टेप तरीका:
1. पीठ के बल लेट जाएं:
अपने शरीर को ज़मीन पर बिल्कुल सीधा रखें।
हाथ शरीर से थोड़े बाहर रखें, हथेलियाँ ऊपर की ओर।
2. पैरों को आराम से फैलाएं:
पैरों के बीच हल्की दूरी रखें।
पैर प्राकृतिक रूप से बाहर की ओर झुके रहें।
3. आंखें बंद कर लें और पूरी तरह शांत हो जाएं।
4. साँस पर ध्यान दें:
धीरे-धीरे लंबी और गहरी साँसें लें।
केवल साँस के आने-जाने को महसूस करें – न कोई नियंत्रण, न ज़ोर।
5. शरीर के हर अंग को ढीला करें:
सिर से लेकर पैर तक सभी अंगों को धीरे-धीरे शिथिल करें।
मन ही मन हर अंग को “विश्रांत” या “Relax” होने को कहें।
6. मन को शांत करें:
विचार आएं तो उन्हें केवल आते-जाते देखें -पकड़ें नहीं।
चाहें तो एक मंत्र (जैसे “ॐ शांति”) का मानसिक जप करें।
7. 10–15 मिनट तक इसी स्थिति में रहें।
🧎♀️ बाहर कैसे आएं शवासन से:
1. हल्के-हल्के अपनी उंगलियाँ हिलाएँ।
2. धीरे-धीरे हाथ-पैर मोड़ें।
3. दाएँ करवट लेट जाएँ, कुछ पल वहीं रुकें।
4. फिर बाएँ हाथ से सहारा लेकर धीरे-धीरे उठें।
🧠 शवासन के लाभ (Benefits):
✅ तनाव और चिंता को दूर करता है
✅ मांसपेशियों को गहराई से आराम देता है
✅ रक्तचाप और दिल की धड़कन सामान्य करता है
✅ निद्रा की गुणवत्ता में सुधार करता है
✅ ध्यान और मानसिक स्पष्टता बढ़ाता है
✅ योगाभ्यास के बाद ऊर्जा को समाहित करता है
⚠️ सावधानियाँ:
बहुत नींद आए तो शवासन के दौरान सोने से बचें (यह ध्यान है, नींद नहीं)।
हार्ट या बैक की दिक्कत हो तो घुटनों के नीचे तकिया रख सकते हैं।
पूरी तरह स्थिर रहें, बीच में न हिलें।
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