1. झाँसी किला
झाँसी का किला रानी लक्ष्मीबाई का निवास स्थान था और 1857 की क्रांति का प्रमुख केंद्र रहा है। यह किला चट्टान पर बना है और यहां से शहर का खूबसूरत दृश्य दिखाई देता है। किले में रानी महल, बारादरी, शिव मंदिर, और तोपों के अवशेष देखने को मिलते हैं। हर साल यहाँ 'झाँसी महोत्सव' भी आयोजित किया जाता है।
स्थान: झाँसी शहर के केंद्र में प्रवेश शुल्क: भारतीयों के लिए ₹25, विदेशी पर्यटकों के लिए ₹300 समय: सुबह 6 बजे से शाम 6 बजे तक
2. रानी महल
यह महल झाँसी की रानी लक्ष्मीबाई का निवास रहा है। इसमें बुंदेलखंड शैली की वास्तुकला के उत्कृष्ट नमूने देखने को मिलते हैं। महल में रंग-बिरंगी कांच की खिड़कियाँ, चित्रकारी और पुरातात्विक वस्तुओं का संग्रहालय भी है।
स्थान: झाँसी किला के पास प्रवेश शुल्क: ₹10 समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
3. झाँसी संग्रहालय
यह संग्रहालय रानी लक्ष्मीबाई के जीवन और झाँसी के इतिहास से संबंधित वस्तुओं को संजोकर रखता है। यहाँ प्राचीन हथियार, वस्त्र, चित्र और मूर्तियाँ देखने को मिलती हैं।
स्थान: किले के पास प्रवेश शुल्क: ₹20 समय: मंगलवार को बंद, अन्य दिन सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक
4. महालक्ष्मी मंदिर
यह मंदिर देवी लक्ष्मी को समर्पित है और यहाँ का वार्षिक मेला विशेष प्रसिद्ध है। मंदिर की वास्तुकला और शांत वातावरण इसे एक आध्यात्मिक स्थल बनाते हैं।
स्थान: लक्ष्मी तालाब क्षेत्र समय: सुबह 5 बजे से रात 9 बजे तक विशेषता: दीपावली के समय विशाल मेला
5. ओरछा (झाँसी से 16 किमी दूर)
हालाँकि ओरछा मध्य प्रदेश में आता है, लेकिन झाँसी से इसकी दूरी बहुत कम है। यहाँ का ओरछा किला, राम राजा मंदिर और बेतवा नदी के किनारे स्थित छतरियाँ पर्यटकों को आकर्षित करती हैं।
आवश्यक समय: एक दिन कैसे पहुँचें: टैक्सी या ऑटो से
6. झाँसी रेलवे स्टेशन भवन
यह न सिर्फ एक ऐतिहासिक रेलवे स्टेशन है, बल्कि इसकी वास्तुकला भी बहुत आकर्षक है। यह उत्तर भारत के प्रमुख रेलवे जंक्शन में से एक है और इसके निर्माण में ब्रिटिश काल की झलक मिलती है।
विशेषता: ब्रिटिश काल की वास्तुकला स्थान: शहर के मध्य
7. बारुआ सागर झील
यह कृत्रिम झील राजा उदित नारायण द्वारा बनवाई गई थी। यह स्थान पिकनिक और फोटोग्राफी के लिए उत्तम है। झील के पास एक प्राचीन किला भी स्थित है।
स्थान: झाँसी से 20 किमी दूर समय: सुबह 7 बजे से शाम 6 बजे तक प्रवेश शुल्क: नि:शुल्क
8. गणेश मंदिर
यह मंदिर झाँसी किले के बाहर स्थित है और मान्यता है कि रानी लक्ष्मीबाई यहाँ युद्ध से पहले पूजा करने आती थीं। मंदिर धार्मिक और ऐतिहासिक दोनों दृष्टियों से महत्वपूर्ण है।
स्थान: झाँसी किला मार्ग समय: सुबह 6 बजे से रात 8 बजे तक
9. पंचवटी मंदिर एवं उद्यान
यह एक शांत स्थल है जहाँ लोग ध्यान, योग और टहलने के लिए आते हैं। यहाँ हरे-भरे पेड़, फूलों की क्यारियाँ और मंदिरों की श्रृंखला है।
स्थान: झाँसी-कानपुर मार्ग पर समय: सुबह 5 बजे से शाम 7 बजे तक
10. सातखुंती
यह वह ऐतिहासिक स्थल है जहाँ से रानी लक्ष्मीबाई ने अपने पुत्र को पीठ पर बाँधकर किले से कूदकर अंग्रेज़ों से युद्ध किया था। यहाँ पर एक स्मारक बनाया गया है जो उनकी वीरता को श्रद्धांजलि देता है।
स्थान: झाँसी किले के पास समय: सुबह से शाम तक खुला प्रवेश शुल्क: नि:शुल्क
निष्कर्ष:
झाँसी इतिहास और संस्कृति का संगम है। यहाँ के दर्शनीय स्थल न केवल पर्यटकों को आकर्षित करते हैं, बल्कि भारत की गौरवमयी विरासत का दर्शन भी कराते हैं। यदि आप ऐतिहासिक स्थलों, धार्मिक अनुभव और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेना चाहते हैं, तो झाँसी अवश्य जाएँ।
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