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Top 10 visiting place in prayagraj

प्रयागराज के शीर्ष 10 दर्शनीय स्थल – एक आध्यात्मिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक यात्रा
प्रयागराज, जिसे पहले इलाहाबाद के नाम से जाना जाता था, उत्तर प्रदेश का एक ऐतिहासिक और धार्मिक नगर है। गंगा, यमुना और पौराणिक सरस्वती नदियों के संगम पर स्थित यह नगर न केवल आध्यात्मिक दृष्टिकोण से, बल्कि ऐतिहासिक और सांस्कृतिक रूप से भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहां भारत के इतिहास की अनेक कहानियाँ जुड़ी हुई हैं। आइए जानते हैं प्रयागराज के 10 प्रमुख दर्शनीय स्थलों के बारे में विस्तार से:


1. त्रिवेणी संगम


यह प्रयागराज का सबसे प्रसिद्ध और पवित्र स्थल है, जहाँ गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी का संगम होता है। यह हिंदुओं के लिए अत्यंत पुण्य स्थान माना जाता है। संगम में स्नान करने से पापों का नाश और मोक्ष की प्राप्ति होती है। यहाँ हर 12 साल में कुंभ मेला और हर 6 साल में अर्धकुंभ मेला आयोजित होता है, जिसमें करोड़ों श्रद्धालु भाग लेते हैं।
मुख्य आकर्षण: नौका विहार, पूजा, स्नान, कुंभ मेला।


2. अक्षयवट और पातालपुरी मंदिर


इलाहाबाद किले के भीतर स्थित यह मंदिर हिंदू धर्म में विशेष मान्यता रखता है। अक्षयवट वह वटवृक्ष है जिसके नीचे भगवान विष्णु का वास माना गया है। पातालपुरी मंदिर भूमिगत मंदिर है जहाँ विभिन्न देवी-देवताओं की मूर्तियाँ स्थापित हैं।
मुख्य आकर्षण: ऐतिहासिक धार्मिक स्थल, पुरातात्विक महत्व।


3. इलाहाबाद किला


यह किला मुग़ल सम्राट अकबर द्वारा 1583 में बनवाया गया था। यह यमुना नदी के किनारे स्थित है और संगम के पास ही है। किले में अक्षयवट, अशोक स्तंभ और सरस्वती कुआँ जैसे ऐतिहासिक स्थल हैं। यह अब भारतीय सेना के अधीन है, लेकिन सीमित रूप में आम जनता के लिए खुला रहता है।
मुख्य आकर्षण: मुग़ल वास्तुकला, अक्षयवट, अशोक स्तंभ।


4. आनंद भवन


यह भारतीय स्वतंत्रता संग्राम का एक प्रमुख केंद्र था और नेहरू-गांधी परिवार का निवास स्थान था। यहाँ जवाहरलाल नेहरू का बचपन बीता। यह अब एक संग्रहालय में परिवर्तित हो चुका है, जहाँ दुर्लभ चित्र, दस्तावेज़ और वस्तुएँ रखी गई हैं।
मुख्य आकर्षण: ऐतिहासिक महत्व, संग्रहालय, भारत का स्वतंत्रता आंदोलन।


5. खुसरो बाग


यह एक भव्य मुग़ल शैली का बाग है, जहाँ मुग़ल शहज़ादे खुसरो (अकबर के पुत्र) का मक़बरा है। यहाँ की वास्तुकला और शांत वातावरण पर्यटकों को आकर्षित करता है। यह एक ऐतिहासिक और छायाचित्रण के लिए उपयुक्त स्थान है।
मुख्य आकर्षण: मुग़ल वास्तुकला, मक़बरे, बाग-बगीचे।


6. अल्फ्रेड पार्क (चंद्रशेखर आज़ाद पार्क)


यह प्रयागराज का सबसे बड़ा पार्क है और इसी पार्क में स्वतंत्रता सेनानी चंद्रशेखर आज़ाद ने अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति प्राप्त की थी। आज यहाँ उनकी प्रतिमा स्थापित है। यह पार्क सुबह-शाम भ्रमण करने वालों और पिकनिक के लिए आने वालों से भरा रहता है।
मुख्य आकर्षण: चंद्रशेखर आज़ाद की प्रतिमा, विशाल हरियाली, शांति।


7. ऑल सेंट्स कैथेड्रल (पट्थर गिरजाघर)


1871 में बना यह चर्च ब्रिटिश काल की गोथिक शैली की शानदार मिसाल है। इसका वास्तुशिल्प देखने लायक है। यह गिरजाघर मुख्यतः ईस्टर और क्रिसमस पर सजाया जाता है, जब बड़ी संख्या में लोग यहाँ प्रार्थना के लिए आते हैं।
मुख्य आकर्षण: गोथिक स्थापत्य, ईसाई धार्मिक स्थल।


8. भारद्वाज आश्रम


यह आश्रम एक प्राचीन वैदिक स्थल है, जहाँ ऋषि भारद्वाज ने तपस्या की थी। यहाँ आज भी धार्मिक गतिविधियाँ होती हैं और यह स्थान आध्यात्मिक साधकों के लिए शांति और ध्यान का केंद्र है। महाभारत में इसका वर्णन मिलता है।
मुख्य आकर्षण: प्राचीन आश्रम, धार्मिक वातावरण।


9. कड़ा धाम (काली मंदिर)


प्रयागराज से लगभग 60 किलोमीटर दूर स्थित यह मंदिर देवी काली को समर्पित है। यहाँ का वातावरण अत्यंत भक्तिपूर्ण होता है और विशेष अवसरों पर यहाँ भारी भीड़ लगती है। यह स्थान विशेष रूप से नवरात्रि में प्रसिद्ध होता है।
मुख्य आकर्षण: देवी पूजा, नवरात्रि मेले, ग्रामीण परिवेश।


10. झूंसी किला और लेटे हुए हनुमान मंदिर


झूंसी शहर में स्थित यह प्राचीन किला गंगा के किनारे है, जहाँ से पूरे प्रयागराज का सुंदर दृश्य दिखाई देता है। वहीं लेटे हुए हनुमान जी का मंदिर संगम के पास है, जिसमें भगवान हनुमान लेटे हुए मुद्रा में विराजमान हैं – यह दृश्य भारत में दुर्लभ है।
मुख्य आकर्षण: दृश्यावलोकन, धार्मिक अनुभव, अद्वितीय मूर्ति।


निष्कर्ष:


प्रयागराज केवल एक धार्मिक स्थल ही नहीं, बल्कि भारत की सांस्कृतिक, ऐतिहासिक और आध्यात्मिक धरोहर का प्रतीक है। यहाँ का हर स्थल किसी न किसी रूप में भारत की गौरवशाली परंपरा और इतिहास को दर्शाता है। यदि आप अध्यात्म, इतिहास और प्रकृति प्रेमी हैं, तो प्रयागराज अवश्य जाएँ।

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