टाइम फ्रेम वह समय अवधि है जिसके आधार पर कोई चार्ट तैयार किया जाता है - उदाहरण के लिए 1-मिनट, 5-मिनट, 15-मिनट, 1-घंटा, डेली, वीकली या मंथली चार्ट। हर टाइम फ्रेम के अपने उपयोग व फायदे-नुकसान होते हैं और आपकी ट्रेडिंग शैली (जैसे स्कैल्पिंग, इंट्राडे, स्विंग, या पोजिशनल ट्रेडिंग) के अनुसार आप सही समय सीमा चुन सकते हैं।
मल्टी-टाइम फ्रेम एनालिसिस (MTFA)
मल्टी टाइम फ्रेम एनालिसिस में एक साथ दो या तीन टाइम फ्रेम पर चार्ट देखना शामिल है — जैसे फ्लो पहचानने के लिए वीकली, प्रमुख ट्रिगर के लिए डेली, और एग्जेक्ट एंट्री/एक्जिट के लिए 4-घंटे या 1-घंटे पर संयोजन करना। इससे ट्रेडर को रुझान को अधिक अच्छे से समझने और रिस्क मैनेजमेंट में मदद मिलती है।
कैसे लागू करें:
ट्रेडिंग प्लेटफ़ॉर्म पर तीन चार्ट विंडो खोलें।
बाएं में हाई टाइम फ्रेम, बीच में मीडियम, दाएं में लोअर टाइम फ्रेम रखें।
लॉन्ग टर्म या स्विंग ट्रेडिंग के लिए वीकली/डेली/4-घंटे का कॉम्बो, इंट्राडे के लिए 1-घंटे/15-मिनट/5-मिनट का कॉम्बो इस्तेमाल करें।
टाइम फ्रेम चुनने के लिए प्रमुख बातें
अस्थिरता अधिक है तो छोटे टाइम फ्रेम, कम है तो बड़े टाइम फ्रेम।
ट्रेडिंग स्टाइल (स्कैल्पिंग, इंट्राडे, स्विंग, या पोजिशनल) के अनुसार चयन करें।
रिस्क को सीमित करने और सही एंट्री/एक्जिट के लिए मल्टी टाइम फ्रेम एनालिसिस शानदार तरीका है।
फायदे
बेहतर ट्रेंड पहचान
सटीक एंट्री/एक्जिट
शोर (नॉइज़) को फ़िल्टर करने का विकल्प
रिस्क मैनेजमेंट आसान
निष्कर्ष
चार्टिंग में विभिन्न टाइम फ्रेम्स का अपनाना आपके ट्रेडिंग के निर्णय को बेहतर बनाता है। सही टाइम फ्रेम का चुनाव और मल्टी–टाइम फ्रेम एनालिसिस से आप ट्रेंड, सपोर्ट, रेजिस्टेंस, और एंट्री/एक्जिट को अधिक बेहतर तरीके से समझ और उपयोग कर सकते हैं।
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