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Dividend kya hai

डिविडेंड (Dividend) एक कंपनी द्वारा अपने शेयरधारकों को कंपनी के मुनाफे का एक हिस्सा वितरित करने को कहते हैं। जब कोई कंपनी लाभ कमाती है, तो वह अपने शेयरधारकों को उस लाभ का एक भाग डिविडेंड के रूप में देती है। इसे हिंदी में "लाभांश" भी कहा जाता है।

डिविडेंड क्या है?

जब आप किसी कंपनी में शेयर खरीदते हैं, तो आप उस कंपनी के मालिक का हिस्सा धारक होते हैं। कंपनी जब लाभ कमाती है, तो वह अपने इस लाभ का कुछ हिस्सा शेयरधारकों में बांटती है, जिसे डिविडेंड कहते हैं। यह पैसों के रूप में हो सकता है या अतिरिक्त शेयरों के रूप में भी दिया जा सकता है।

डिविडेंड के प्रकार:


नकद लाभांश (Cash Dividend): कंपनी अपने मुनाफे का नकद राशि के रूप में भुगतान करती है। उदाहरण के लिए, यदि कंपनी प्रति शेयर ₹10 डिविडेंड देती है, और आपके पास 100 शेयर हैं, तो आपको ₹1,000 मिलेंगे।

स्टॉक लाभांश (Stock Dividend): इसमें कंपनी पैसे के बजाय शेयरधारकों को अतिरिक्त शेयर देती है। जैसे 5% स्टॉक डिविडेंड होने पर 100 शेयरधारकों को 5 अतिरिक्त शेयर मिलेंगे।

संपत्ति लाभांश (Property Dividend): कंपनी शेयरधारकों को कोई भौतिक संपत्ति या अन्य संपत्ति भी दे सकती है, पर यह आम नहीं होता।

डिविडेंड कब प्राप्त होता है?

कंपनी एक निश्चित तिथि (जिसे डिविडेंड रिकॉर्ड डेट कहते हैं) तय करती है कि किसके पास उस दिन कंपनी के शेयर होंगे, उन्हें डिविडेंड मिलेगा। इसके बाद डिविडेंड का भुगतान किया जाता है।

डिविडेंड का महत्व:

निवेशक के लिए यह आय का एक स्थिर स्रोत है। डिविडेंड से निवेशकों को उनके निवेश पर नियमित लाभ होता है, खासकर उन कंपनियों में जो लगातार डिविडेंड देती हैं।

डिविडेंड यील्ड (Dividend Yield):

यह एक वित्तीय अनुपात है जो बताता है कि किसी शेयर से सालाना कितनी आय डिविडेंड के रूप में मिल रही है, जो शेयर की कीमत के अनुपात में होती है। इसे प्रतिशत में दर्शाया जाता है।
सारांश में:

डिविडेंड कंपनी के मुनाफे का वह हिस्सा है जो कंपनी अपने शेयरधारकों को नकद या अतिरिक्त शेयर के रूप में देती है। यह निवेशकों के लिए एक महत्वपूर्ण आय स्रोत होता है और उनकी कंपनी में हिस्सेदारी का लाभ होता है।

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