Ticker

6/recent/ticker-posts

Stock split kya hai

स्टॉक स्प्लिट (Share Split) क्या है?


स्टॉक स्प्लिट एक कॉरपोरेट प्रक्रिया है जिसमें कोई कंपनी अपने मौजूदा शेयरों की संख्या को बढ़ा देती है और इसके साथ ही प्रत्येक शेयर की कीमत को आनुपातिक रूप से कम कर देती है। इसका मतलब है कि आपके पास शेयरों की संख्या तो बढ़ जाती है, पर आपके कुल निवेश का मूल्य वही रहता है।

उदाहरण के लिए, अगर आपके पास 100 शेयर हैं जिनकी कीमत ₹500 प्रति शेयर है, तो आपका कुल निवेश ₹50,000 है। अगर कंपनी ने 1:1 का स्टॉक स्प्लिट किया, तो अब आपके पास 200 शेयर होंगे, लेकिन प्रत्येक शेयर की कीमत ₹250 हो जाएगी। कुल मिलाकर आपका निवेश अभी भी ₹50,000 ही रहेगा, लेकिन आपके शेयरों की संख्या दोगुनी हो जाएगी और प्रति शेयर कीमत आधी हो जाएगी।

स्टॉक स्प्लिट के मुख्य फायदे:

शेयरों को अधिक किफायती बनाना: शेयर की कीमत कम होने से छोटे निवेशक भी इसे खरीद सकते हैं।

बेहतर तरलता (Liquidity): कम कीमत वाले शेयर अधिक ट्रेडिंग के योग्य होते हैं, इससे शेयर खरीदना और बेचना आसान होता है।

निवेशकों को आकर्षित करना: कम कीमत के कारण नए निवेशक आकर्षित होते हैं।

पोर्टफोलियो प्रबंधन में सुविधा: निवेशक अपने पोर्टफोलियो में आसानी से बदलाव कर सकते हैं।

स्टॉक स्प्लिट के प्रकार:

फॉरवर्ड स्टॉक स्प्लिट (Forward Stock Split)
इसमें कंपनी अपने प्रत्येक शेयर को कई हिस्सों में बांटती है, जैसे 2:1 या 3:1। इससे शेयरों की संख्या बढ़ती है और प्रति शेयर कीमत घटती है।

रिवर्स स्टॉक स्प्लिट (Reverse Stock Split)
इसमें कंपनी कई शेयरों को मिलाकर एक शेयर बनाती है, जैसे 1:2 या 1:3। इससे शेयरों की संख्या घटती है और प्रति शेयर कीमत बढ़ती है।

कैसे काम करता है स्टॉक स्प्लिट?

कंपनी एक अनुपात निर्धारित करती है, जैसे 2:1 या 3:1।

रिकॉर्ड तिथि निर्धारित की जाती है, जिसके बाद जिनके पास शेयर होते हैं, उन्हें अतिरिक्त शेयर मिलते हैं।

निवेशक के पास शेयरों की संख्या बढ़ जाती है, लेकिन कुल निवेश मूल्य वही रहता है क्योंकि प्रति शेयर की कीमत घट जाती है।

उदाहरण

टेस्ला ने 5:1 का स्प्लिट किया, जिसका मतलब था कि जो शेयर एक था, वह पांच हो गया, लेकिन उसकी कीमत पांच गुना कम हो गई। इससे छोटे निवेशकों के लिए शेयर ज्यादा सुलभ हो गए और शेयर की मांग बढ़ी।

Post a Comment

0 Comments