शेयर मार्केट में ऑर्डर के प्रकार और निष्पादन
1. मार्केट ऑर्डर (Market Order)
मार्केट ऑर्डर वह आदेश है जिसमें आप शेयर को वर्तमान बाजार मूल्य पर खरीदने या बेचने का निर्देश देते हैं।
यह आदेश तुरंत निष्पादित हो जाता है, चाहे कीमत थोड़ी ऊपर या नीचे हो सकती है।
आपको मूल्य नियंत्रण नहीं मिलता, लेकिन आदेश जल्दी भर जाता है।
निष्पादन का उदाहरण: यदि किसी शेयर की बाजार कीमत ₹100 है, आप तुरंत खरीद/बेच सकते हैं.
2. लिमिट ऑर्डर (Limit Order)
इसमें आप एक निश्चित कीमत (या उससे अच्छा मूल्य) पर शेयर खरीदने या बेचने का निर्देश देते हैं।
ऑर्डर तब तक निष्पादित नहीं होता जब तक शेयर की कीमत आपके द्वारा तय की गई लिमिट तक नहीं पहुँचती।
उदाहरण: यदि आप ₹500 पर 100 शेयर खरीदना चाहते हैं, तो ऑर्डर सिर्फ तब ही पूरा होगा जब उस कीमत पर शेयर उपलब्ध होंगे.
3. स्टॉप-लॉस ऑर्डर (Stop-Loss Order)
स्टॉप-लॉस ऑर्डर आपके नुकसान को सीमित करने के लिए सेट किया जाता है।
जब शेयर की कीमत आपके द्वारा तय स्टॉप प्राइस तक पहुँचती है, ऑर्डर स्वतः एक्टिवेट हो जाता है और शेयर मार्केट ऑर्डर बन जाता है।
उदाहरण: आपके पास शेयर है, आपने स्टॉप-लॉस ₹90 पर लगाया है, जैसे ही कीमत ₹90 पहुंचेगी, ऑर्डर एक्टिव होकर बेच दिया जाएगा.
4. स्टॉप-लिमिट ऑर्डर (Stop-Limit Order)
यह स्टॉप और लिमिट का संयोजन है। स्टॉप प्राइस पर ऑर्डर एक्टिवेट होता है, लेकिन वह केवल तय की गई लिमिट प्राइस पर ही निष्पादित होता है.
5. गुड टिल कैंसिल्ड (GTC), ब्रैकेट ऑर्डर, तत्काल या कैंसिल्ड (IOC)
GTC आदेश तब तक खुला रहता है जब तक निष्पादित या रद्द नहीं किया जाता।
ब्रैकेट ऑर्डर में तीन ऑर्डर एक साथ होते हैं: खरीद/बिक्री, टारगेट और स्टॉप-लॉस।
IOC में ऑर्डर तुरंत निष्पादित या रद्द हो जाता है.
निष्पादन (Execution)
जब आप ऑर्डर देते हैं, आपका ब्रोकर उसे आपके निर्देशों के मुताबिक स्टॉक एक्सचेंज (जैसे NSE, BSE) तक पहुँचाता है।
एक बार ऑर्डर एक्सचेंज तक पहुँच जाने पर, ऑर्डर की शर्तों के अनुसार ट्रेड निष्पादित होता है—जैसे मार्केट ऑर्डर तुरंत, लिमिट ऑर्डर सिर्फ उस कीमत पर, स्टॉप लॉस एक ट्रिगर प्राइस पर।

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