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What is nephrology

नेफ्रोलॉजी क्या है

नेफ्रोलॉजी चिकित्सा विज्ञान की वह शाखा है, जो गुर्दों (Kidneys) से संबंधित रोगों, उनकी कार्यप्रणाली, निदान, उपचार और देखभाल से संबंधित है। नेफ्रोलॉजी में गुर्दों के सामान्य कार्यों के साथ-साथ उनके विकारों और उनसे जुड़ी बीमारियों का अध्ययन और इलाज किया जाता है। इस क्षेत्र में कार्य करने वाले डॉक्टर को नेफ्रोलॉजिस्ट (Nephrologist) कहा जाता है।

Nephrology kya hai
About nephrology 

गुर्दे हमारे शरीर के आवश्यक अंगों में से एक हैं, जो रक्त को साफ करते हैं, विषैले पदार्थों को मूत्र के माध्यम से बाहर निकालते हैं, शरीर में जल और इलेक्ट्रोलाइट का संतुलन बनाए रखते हैं, रक्तचाप नियंत्रित करते हैं और कई आवश्यक हार्मोन का निर्माण करते हैं। जब इन कार्यों में कोई गड़बड़ी होती है, तो उसे नेफ्रोलॉजिस्ट द्वारा देखा जाता है।

नेफ्रोलॉजी का महत्व

गुर्दे शरीर में कई महत्वपूर्ण कार्य करते हैं, जिनमें शामिल हैं:

रक्त शुद्धिकरण: रक्त से अपशिष्ट और अतिरिक्त जल को छानकर मूत्र के रूप में बाहर निकालना।

इलेक्ट्रोलाइट संतुलन: सोडियम, पोटैशियम, कैल्शियम जैसे तत्वों को संतुलित रखना।

एसिड-बेस संतुलन: शरीर में पीएच स्तर नियंत्रित करना।

रक्तचाप नियंत्रण: रेनिन-एंजियोटेंसिन प्रणाली के माध्यम से।

एरिथ्रोपोइटिन हार्मोन का निर्माण: जो हड्डी के मज्जा को लाल रक्त कोशिकाएं बनाने के लिए प्रेरित करता है।

विटामिन D का सक्रिय रूप बनाना: जिससे कैल्शियम का अवशोषण होता है।

गुर्दों के कार्य में किसी भी प्रकार की समस्या का प्रभाव पूरे शरीर पर पड़ सकता है। इसलिए नेफ्रोलॉजी का चिकित्सा में एक विशेष स्थान है।

नेफ्रोलॉजी से संबंधित प्रमुख रोग

क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD): यह एक दीर्घकालिक स्थिति होती है, जिसमें धीरे-धीरे गुर्दों की कार्यक्षमता कम होती जाती है।

एक्यूट किडनी इंजरी (AKI): अचानक से गुर्दों का काम बंद हो जाना। यह अक्सर गंभीर संक्रमण, दवाओं, या रक्त की कमी के कारण होता है।

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: यह एक सूजन संबंधी रोग है, जो किडनी के फिल्टरिंग यूनिट्स (ग्लोमेरुलस) को प्रभावित करता है।

पॉलीसिस्टिक किडनी डिजीज: एक वंशानुगत बीमारी जिसमें गुर्दों में अनेक सिस्ट (गांठें) बन जाती हैं।

नेफ्रोटिक सिंड्रोम: यह स्थिति प्रोटीन की अत्यधिक मात्रा मूत्र में निकलने और शरीर में सूजन से जुड़ी होती है।

किडनी स्टोन (गुर्दे की पथरी): यह एक सामान्य स्थिति है जिसमें खनिज और लवण एकत्र होकर पत्थर का रूप ले लेते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर और किडनी: उच्च रक्तचाप गुर्दों को नुकसान पहुंचा सकता है और गुर्दे की बीमारी उच्च रक्तचाप को और अधिक खराब कर सकती है।

नेफ्रोलॉजिस्ट क्या करते हैं

नेफ्रोलॉजिस्ट एक विशेषज्ञ चिकित्सक होते हैं जो गुर्दों से संबंधित बीमारियों के निदान, प्रबंधन और उपचार में विशेषज्ञता रखते हैं। उनका कार्यक्षेत्र निम्नलिखित होता है:

रोगी के लक्षणों का मूल्यांकन करना (जैसे सूजन, थकान, भूख में कमी, पेशाब में बदलाव)

रक्त और मूत्र की जांच कर किडनी फंक्शन का मूल्यांकन करना

किडनी बायोप्सी करना (जरूरत होने पर)

उचित दवा और आहार संबंधी सलाह देना

डायालिसिस की योजना बनाना और उसे मॉनिटर करना

किडनी ट्रांसप्लांट की तैयारी और पश्चात देखभाल करना

डायालिसिस क्या है

डायालिसिस एक जीवनरक्षक प्रक्रिया है जो तब की जाती है जब गुर्दे अपना कार्य करना बंद कर देते हैं। इसमें शरीर से विषाक्त पदार्थ, अतिरिक्त जल, और अपशिष्ट उत्पादों को बाहर निकाला जाता है। इसके दो प्रकार होते हैं:

हीमोडायालिसिस (Hemodialysis): इसमें एक मशीन का उपयोग कर रक्त को साफ किया जाता है।

पेरिटोनियल डायालिसिस (Peritoneal Dialysis): इसमें पेट की परत (पेरिटोनियम) को फिल्टर के रूप में उपयोग किया जाता है।

किडनी ट्रांसप्लांट

जब किडनी पूरी तरह से काम करना बंद कर देती है और डायालिसिस से जीवन की गुणवत्ता में सुधार नहीं होता, तो किडनी प्रत्यारोपण (Transplantation) एक स्थायी समाधान हो सकता है। इसमें एक स्वस्थ किडनी को शरीर में प्रत्यारोपित किया जाता है, जो किसी जीवित या मृत दाता से ली जाती है।

नेफ्रोलॉजी में उपयोग होने वाली सामान्य जांचें

ब्लड यूरिया नाइट्रोजन (BUN) और क्रिएटिनिन टेस्ट

ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट (GFR)

यूरेन एनालिसिस (Urine Analysis)

अल्ट्रासाउंड या CT स्कैन

किडनी बायोप्सी

किडनी स्वास्थ्य बनाए रखने के उपाय

पर्याप्त मात्रा में पानी पीना

कम नमक और संतुलित आहार लेना

नियमित व्यायाम करना

उच्च रक्तचाप और मधुमेह को नियंत्रित रखना

धूम्रपान और शराब से परहेज करना

बिना डॉक्टर की सलाह के दवाइयाँ न लेना

निष्कर्ष

नेफ्रोलॉजी आज के समय में अत्यधिक महत्वपूर्ण विषय है, क्योंकि खराब जीवनशैली, मधुमेह और उच्च रक्तचाप जैसी बीमारियों के बढ़ने से किडनी रोग तेजी से बढ़ रहे हैं। समय पर जांच, उचित जीवनशैली और विशेषज्ञ डॉक्टर की सलाह से इन बीमारियों को रोका या नियंत्रित किया जा सकता है। नेफ्रोलॉजिस्ट इस दिशा में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं, जो मरीज को सही दिशा में उपचार और देखभाल प्रदान करते हैं।

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