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What is urology

यूरोलॉजी क्या होता है

यूरोलॉजी शब्द दो ग्रीक शब्दों से मिलकर बना है 'Uron' (मूत्र) और 'Logos' (अध्ययन)। इस प्रकार, यूरोलॉजी का शाब्दिक अर्थ है “मूत्र का अध्ययन”।

Urology kya hai
About urology

यह चिकित्सा की वह शाखा है जो शरीर की मूत्र प्रणाली में होने वाली बीमारियों और समस्याओं की पहचान और उपचार करती है। इसमें गुर्दे (Kidneys), मूत्राशय (Bladder), मूत्रवाहिनी (Ureters), मूत्रमार्ग (Urethra), और पुरुषों के जननांग जैसे प्रोस्टेट ग्रंथि (Prostate Gland), अंडकोष (Testes), और वीर्यकोष (Seminal Vesicles) आदि शामिल हैं।


यूरोलॉजी में कौन-कौन सी बीमारियाँ आती हैं


यूरोलॉजी के अंतर्गत कई बीमारियाँ और स्थितियाँ आती हैं, जिनमें शामिल हैं:


(1) मूत्र संबंधी समस्याएँ:

यूरीनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन (UTI): यह एक सामान्य संक्रमण है जो बैक्टीरिया के कारण होता है और महिलाओं में अधिक होता है।

मूत्र रुकावट (Urinary Obstruction): जब पेशाब करने में रुकावट आती है, जैसे कि पथरी या ट्यूमर के कारण।

बार-बार पेशाब आना या पेशाब रुक जाना (Urinary Incontinence or Retention)

मूत्र मार्ग की पथरी (Kidney Stones / Ureteric Stones)

(2) गुर्दे (किडनी) की बीमारियाँ:

किडनी स्टोन

हाइड्रोनेफ्रोसिस (Hydronephrosis): गुर्दे में पेशाब का जमाव होना।

गुर्दे के ट्यूमर या कैंसर

(3) प्रोस्टेट संबंधी समस्याएँ:

BPH (Benign Prostatic Hyperplasia): प्रोस्टेट ग्रंथि का बढ़ना, जिससे पेशाब की दिक्कतें होती हैं।

प्रोस्टेट कैंसर

प्रोस्टेटाइटिस (Prostatitis): प्रोस्टेट ग्रंथि में सूजन।

(4) पुरुष प्रजनन समस्याएँ:

नपुंसकता (Impotence / Erectile Dysfunction)

बाँझपन (Infertility)

वीर्य मार्ग में अवरोध

(5) मूत्रमार्ग या मूत्राशय के कैंसर

(6) बाल यूरोलॉजी (Pediatric Urology):

बच्चों में जन्मजात मूत्र समस्याएँ जैसे हाइपोस्पेडियास, एपिस्पेडियास, ब्लैडर एक्सस्ट्रॉफी आदि।


यूरोलॉजिस्ट क्या करते हैं


यूरोलॉजिस्ट निम्नलिखित कार्य करते हैं:

रोगी का चिकित्सकीय मूल्यांकन करना।

मूत्र प्रणाली के विभिन्न परीक्षण जैसे सोनोग्राफी, यूरोडायनामिक टेस्ट, यूरोस्कोपी आदि करना।

दवाओं द्वारा उपचार करना।

आवश्यक होने पर सर्जरी करना, जैसे कि पथरी निकालना, प्रोस्टेट सर्जरी, गुर्दा प्रत्यारोपण (Kidney Transplant), या मूत्राशय की सर्जरी।


यूरोलॉजी में प्रयुक्त प्रमुख जांच विधियाँ


अल्ट्रासाउंड (Ultrasound): किडनी, मूत्राशय, प्रोस्टेट की जांच के लिए।

CT स्कैन / MRI: ट्यूमर या जटिल बीमारियों के लिए।

IVP (Intravenous Pyelography): मूत्र प्रणाली के संरचना की जांच।

Cystoscopy: मूत्राशय और मूत्रमार्ग को देखने की प्रक्रिया।

PSA टेस्ट: प्रोस्टेट कैंसर की पहचान के लिए रक्त परीक्षण।


यूरोलॉजी में आम सर्जिकल प्रक्रियाएँ


PCNL (Percutaneous Nephrolithotomy): बड़ी पथरी निकालने के लिए।

URS (Ureteroscopy): मूत्रवाहिनी की पथरी के लिए।

TURP (Transurethral Resection of Prostate): प्रोस्टेट के बढ़ने का इलाज।

Radical Prostatectomy / Nephrectomy: प्रोस्टेट या किडनी कैंसर के लिए।


यूरोलॉजिस्ट के पास कब जाना चाहिए


निम्नलिखित लक्षण होने पर यूरोलॉजिस्ट से संपर्क करें:

बार-बार पेशाब आना या पेशाब रुक जाना।

पेशाब करते समय जलन या दर्द।

पेशाब में खून आना।

किडनी स्टोन या पेट के निचले हिस्से में दर्द।

प्रोस्टेट संबंधी समस्याएँ जैसे रुक-रुक कर पेशाब आना।

नपुंसकता या वीर्य संबंधी समस्याएँ।



यूरोलॉजी का भविष्य


लेजर तकनीक का प्रयोग बढ़ रहा है।

न्यूनतम चीरा (Minimally Invasive) तकनीकों का विकास हुआ है।

रोबोटिक सर्जरी और दूरदर्शी प्रणाली (Endoscopic Techniques) से उपचार अधिक सुरक्षित और प्रभावी हो रहा है।


निष्कर्ष (Conclusion)


यूरोलॉजी चिकित्सा विज्ञान की एक अत्यंत महत्वपूर्ण शाखा है जो मानव जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाने में सहायक है। चाहे वह गुर्दे की पथरी हो, प्रोस्टेट की समस्या हो, या पुरुष बांझपन — यूरोलॉजिस्ट इन सभी समस्याओं के विशेषज्ञ होते हैं। सही समय पर यूरोलॉजिस्ट से परामर्श लेना और आधुनिक चिकित्सा तकनीकों का उपयोग करके इन रोगों का प्रभावी उपचार संभव है।

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